The Commission upon consideration
of the response received from the concerned authority called for further report
in the matter. The response has not been received within stipulated time. Issue
reminder to the concerned authority calling for the requisite report within
four weeks positively or the Commission shall be constrained to invoke coercive
process u/s 13 of the Protection of Human Rights Act, 1993. Copy of the letter
of the Commission calling for additional information/further report to be
annexed with the reminder for reference.
Monday, May 28, 2018
NHRC direction in case of 30045/24/72/2014
Case Details of File Number: 25446/24/72/2013
These proceedings shall be read
in continuation of the proceedings dated 13.12.2017 vide which reminder was
directed to be issued to the Chief Secretary, Government of Madhya Pradesh for
submission of his report. No report has been submitted by the Chief Secretary,
Government of Madhya Pradesh despite warning of coercive process. Under these
circumstances, the Commission would have ordinarily issued summons for personal
appearance, but one more opportunity is granted to him for submission of report
within four weeks positively failing which the Commission shall be constrained
to take coercive steps U/s 13 of the Protection of Human Rights Act, 1993 for
his personal appearance. Copies of the relevant papers be again transmitted to
him.
NHRC direction in case of prison (791/33/0/2014)
In the aforesaid cases, authorities concerned have not submitted the called for reports. Therefore, issue a final reminder directing them to submit the reports within four weeks failing which the Commission will be constrained to issue coercive process u/s 13 of PHR Act, 1993.
#Prison #NHRc #pvchr
Benefits to Mushar families in Varanasi (NHRC case number: 35869/24/72/2013 )
These proceedings shall be read in continuation with earlier proceedings of the Commission. The matter rests thus. The complainant from an NGO had submitted his complaint dated 21/09/2013 alleging that in Village Hamirpur District Varanasi, the people living in Musahar Basti are facing adverse conditions. During rainy season there is water lodging inside their hutments/dwelling units which destroy their household items. Their hutments/dwelling units may collapse at any point of time, causing any casualty to the affected persons. Block Development Officer, Badagaon Varanasi had submitted his report dated 17/12/2014. It was stated that in the mentioned locality 40 families are living. 22 families have been given benefits of Indira Awas Yojna and proposals had been made to grant benefits of Lohiya Awas Yojna to remaining 18 families. Pursuant to further directions of the Commission, Deputy Collector, Incharge/ Commissions, Varanasi has submitted his report dated 21/02/2017 based on a previous report dated 12/11/2013. The report does not indicate the status of any benefits granted to remaining 18 families in the matter. The Commission has perused the record placed before it and considered the matter. The State Authorities have submitted their reports in bits and pieces. The only report dated 17/12/2014 submitted by Block Development Officer, Badagaon Varanasi is comprehensive in nature which indicates that after survey in the area, proposals had been made to grant benefits of Lohiya Awas Yojna to remaining 18 families. However, no further report has been submitted by District Administration with respect to the benefits granted to those remaining 18 families under the Social Welfare Schemes. District Magistrate, Varanasi and Block Development Officer, Badagaon Varanasi are directed to ensure expedite action in order to grant benefits of Social Welfare Schemes to the remaining families living in Musahar Basti of Village Hamirpur District Varanasi. The copy of Action Taken Report shall directly be communicated to the complainant. A copy of the proceedings be transmitted to the complainant and he is at liberty to approach the concerned authority for redressal of subsisting grievances, if any, in the matter. With these directions, this case is closed.
#pvchr #NHRC #u4humanrights
#pvchr #NHRC #u4humanrights
Saturday, May 19, 2018
UP : थाने पर फेंके गए पत्थर, पुलिस ने की फायरिंग, 3 घायल, DM और DIG पहुंचे
---------- Forwarded message ----------
From: PVCHR Communication <cfr.pvchr@gmail.com>
Date: 2018-05-19 13:47 GMT+05:30
Subject: UP : थाने पर फेंके गए पत्थर, पुलिस ने की फायरिंग, 3 घायल, DM और DIG पहुंचे
To: "cr.nhrc" <cr.nhrc@nic.in>, covdnhrc <covdnhrc@nic.in>
Cc: lenin <lenin@pvchr.asia>
From: PVCHR Communication <cfr.pvchr@gmail.com>
Date: 2018-05-19 13:47 GMT+05:30
Subject: UP : थाने पर फेंके गए पत्थर, पुलिस ने की फायरिंग, 3 घायल, DM और DIG पहुंचे
To: "cr.nhrc" <cr.nhrc@nic.in>, covdnhrc <covdnhrc@nic.in>
Cc: lenin <lenin@pvchr.asia>
To,
The Chairperson,
National Human Rights Commission
New Delhi.
Dear Sir,
I
want to bring
in your kind attention towards the news published in live Hindustan on
15th May, 2018 regarding UP : थाने पर फेंके गए पत्थर, पुलिस ने की
फायरिंग, 3 घायल, DM और DIG पहुंचे https://www.livehindustan.com/ uttar-pradesh/gorakhpur/story- patrol-of-villagers-on-police- station-in-gorakhpur-police- firing-1958689.html
Therefore it is a kind request please take appropriate action at earliest.
Thanking You
Sincerely Yours
Lenin Raghuvanshi
Founder and CEO
Peoples' Vigilance Committee on Human
Rights
UP : थाने पर फेंके गए पत्थर, पुलिस ने की फायरिंग, 3 घायल, DM और DIG पहुंचे
हिन्दुस्तान संवाद, गोरखपुर गगहा कौडीराम
- Last updated: Tue, 15 May 2018 05:25 PM IST
सरकारी
जमीन पर अवैध तरीके से आवास बनवाए जाने के विरोध में मंगलवार की सुबह
आक्रोशित भीड़ ने गगहा थाने पर पथराव कर दिया। पुलिस ने भीड़ को काबू में
करने के लिए रबर की गोलियां चलाई। इस दौरान तीन ग्रामीण घायल हो गए। इस
दौरान कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। मौके पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी
पहुंच गए हैं। स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।
आक्रोश
रबर की गोलियां लगने से 3 लोग जख्मी, पुलिसकर्मियों को भी आई चोट
प्रधान द्वारा सरकारी जमीन पर करीबी का आवास बनाए जाने से था गुस्सा
गगहा
थाना क्षेत्र के अस्थौला गांव में ग्रामप्रधान द्वारा अपने एक करीबी का
ग्रामसमाज की जमीन पर आवास बनवाया जा रहा है। ग्रामीण इसका विरोध कर रहे
थे। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी गगहा थाने पर दी थी। थाने से कोई कार्रवाई न
होने पर ग्रामीण उग्र हो गए। सुबह ही बड़ी संख्या में ग्रामीण गगहा थाने
पर पहुंच गए। उग्र ग्रामीणों ने कुछ देर नारेबाजी की फिर पथराव शुरू कर
दिया। परिसर में खड़ी एसओ सुनील सिंह की प्राइवेट कार और कुछ बाइक तोड़ दी।
ग्रामीणों
ने थाने के सामने ही गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया।
स्थिति बिगड़ती देखकर पुलिस ने रबर की गोलियां चलाई। ग्रामीणों का आरोप है
कि पुलिस ने फायरिंग भी की। इससे भगदड़ मच गई। आक्रोशित भीड़ में तीन लोग
घायल हो गए। घटना की जानकारी पाकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर
पहुंच गए। गोला, बड़हलगंज और बांसगांव थाने की पुलिस भी बुला ली गई। पुलिस
ने राजमार्ग खाली करा दिया है। स्थिति नियंत्रण में है।
डीएम और डीआईजी ने किया दौरा
फायरिंग
की सूचना के बाद जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन, डीआईजी निलाब्जा चौधरी
समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी वारदात स्थल पर पहुंचे। थाने का निरीक्षण करने
के साथ उन्होंने ग्रामीणों का भी हाल पूछा। घायलों के उपचार के लिए सभी
जरूरी सुविधाएं मुहैया करने का निर्देश दिया। उन्होंने ग्रामीणों को
आश्वस्त किया कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल
गांव में काफी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस की रबर
बुलेट से जख्मी 15 वर्षीय दीपक, 12 वर्षीय रंजीत और 65 वर्षीय जीतू को
उपचार के लिए जिला अस्पताल गोरखपुर में भर्ती कराया गया है।
UP : थाने पर फेंके गए पत्थर, पुलिस ने की फायरिंग, 3 घायल, DM और DIG पहुंचे
हिन्दुस्तान संवाद, गोरखपुर गगहा कौडीराम
- Last updated: Tue, 15 May 2018 05:25 PM IST
सरकारी
जमीन पर अवैध तरीके से आवास बनवाए जाने के विरोध में मंगलवार की सुबह
आक्रोशित भीड़ ने गगहा थाने पर पथराव कर दिया। पुलिस ने भीड़ को काबू में
करने के लिए रबर की गोलियां चलाई। इस दौरान तीन ग्रामीण घायल हो गए। इस
दौरान कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। मौके पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी
पहुंच गए हैं। स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।
आक्रोश
रबर की गोलियां लगने से 3 लोग जख्मी, पुलिसकर्मियों को भी आई चोट
प्रधान द्वारा सरकारी जमीन पर करीबी का आवास बनाए जाने से था गुस्सा
रबर की गोलियां लगने से 3 लोग जख्मी, पुलिसकर्मियों को भी आई चोट
प्रधान द्वारा सरकारी जमीन पर करीबी का आवास बनाए जाने से था गुस्सा
गगहा
थाना क्षेत्र के अस्थौला गांव में ग्रामप्रधान द्वारा अपने एक करीबी का
ग्रामसमाज की जमीन पर आवास बनवाया जा रहा है। ग्रामीण इसका विरोध कर रहे
थे। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी गगहा थाने पर दी थी। थाने से कोई कार्रवाई न
होने पर ग्रामीण उग्र हो गए। सुबह ही बड़ी संख्या में ग्रामीण गगहा थाने
पर पहुंच गए। उग्र ग्रामीणों ने कुछ देर नारेबाजी की फिर पथराव शुरू कर
दिया। परिसर में खड़ी एसओ सुनील सिंह की प्राइवेट कार और कुछ बाइक तोड़ दी।
ग्रामीणों ने थाने के सामने ही गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया। स्थिति बिगड़ती देखकर पुलिस ने रबर की गोलियां चलाई। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने फायरिंग भी की। इससे भगदड़ मच गई। आक्रोशित भीड़ में तीन लोग घायल हो गए। घटना की जानकारी पाकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। गोला, बड़हलगंज और बांसगांव थाने की पुलिस भी बुला ली गई। पुलिस ने राजमार्ग खाली करा दिया है। स्थिति नियंत्रण में है।
डीएम और डीआईजी ने किया दौरा
फायरिंग
की सूचना के बाद जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन, डीआईजी निलाब्जा चौधरी
समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी वारदात स्थल पर पहुंचे। थाने का निरीक्षण करने
के साथ उन्होंने ग्रामीणों का भी हाल पूछा। घायलों के उपचार के लिए सभी
जरूरी सुविधाएं मुहैया करने का निर्देश दिया। उन्होंने ग्रामीणों को
आश्वस्त किया कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल
गांव में काफी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस की रबर
बुलेट से जख्मी 15 वर्षीय दीपक, 12 वर्षीय रंजीत और 65 वर्षीय जीतू को
उपचार के लिए जिला अस्पताल गोरखपुर में भर्ती कराया गया है।
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