Date: Tue, Aug 18, 2020 at 10:58 AM
Subject: EXCLUSIVE: कोरोना काल में सोनभद्र में बेघर होंगे 64 परिवार, भाजपा MLC के पत्र पर नोटिस जारी
To: cr.nhrc <cr.nhrc@nic.in>, covdnhrc <covdnhrc@nic.in>, NHRC <ionhrc@nic.in>
Cc: lenin <lenin@pvchr.asia>
To,
The Chairperson
National Human Rights Commission
New Delhi
Respected Sir,
I want to bring in your kind attention towards the news published in Junputh on 18 August, 2020 regarding कोरोना काल में सोनभद्र में बेघर होंगे 64 परिवार, भाजपा MLC के पत्र पर नोटिस जारी https://junputh.com/open-space/ankhi-das-complaint-to-delhi-cyber-cell-on-life-threats/?fbclid=IwAR0YkjkygcIClcfElkZ29B-jBIS0C_LIiw0539O1sMYu4pWF_GMFq9Sezks
Thanking You
Sincerely Yours
Lenin Raghuvanshi
Convenor
Peoples' Vigilance Committee on Human Rights
किसी को 'मुर्दाबाद' कहना क्या जान की धमकी माना जाएगा अब? समझें आंखी दास की पूरी शिकायत
फेसबुक कंपनी में पब्लिक पॉलिसी की निदेशक (भारत, दक्षिण एशिया और मध्य एशिया) आंखी दास ने 16 अगस्त की रात जिन लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में 'अपनी जान को खतरे का अंदेशा' बताकर शिकायत की है, वह प्रथम दृष्टया कमज़ोर जान पड़ती है।
आंखी दास ने हिमांशु देशमुख, आवेश तिवारी, अनामिका सिंह, ट्राविस बिकल, @justanalysis1 नाम के ट्विटर हैडिल और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ साइबर सेल को शिकायत भेजी है कि इन पांच नामजद और अन्य अज्ञात लोगों ने ऑनलाइन कंटेंट प्रकाशित कर के आंखी दास को हिंसक धमकियां दी हैं।
शिकायत की प्रति का स्क्रीनशॉट नीचे दिया जा रहा है!
अपनी शिकायत के बिंदु 2 में सबसे पहले उन्होंने ट्राविस बिकल के नाम से एक ट्विटर हैंडिल का नाम लिया है और लिखा है कि उन्हें इससे जान से मारने की धमकी मिली है। इस हैंडिल के नाम से दास ने जो धमकी का यूआरएल दिया है, उसे देखने पर पता चलता है कि इस हैंडिल ने शिकायत में दर्ज एक और नामजद अनामिका सिंह (@its_annu_) को रिप्लाइ करते हुए 16 अगस्त की शाम लिखा था: ''आंखी दास मुर्दाबाद''।
भारत में किसी का विरोध जताने के लिए उसके नाम से मुर्दाबाद कहना एक सामान्य लोक भाषा का हिस्सा है लेकिन दास ने इसे अपनी जान को धमकी के रूप में दर्ज करवाया है। दिलचस्प यह है कि जिस हैंडिल अनामिका सिंह (@its_annu_) को रिप्लाइ करते हुए यह लिखा गया है, वह हैंडिल किसी मोहम्मद अनस के नाम से दिखा रहा है जिस पर आखिरी रीट्वीट दिसंबर 2017 की है।
दूसरा नामजद आरोपी जिस हैंडिल @justanalysis1 को बनाया गया है, शिकायत में उसके दिये यूआरएल पर जाने से पता लगता है कि इस हैंडिल ने वकील साकेत गोखले के ट्वीट पर रिप्लाइ करते हुए फेसबुक के आधिकारिक हैंडिल को टैग कर के 16 अगस्त की शाम को लिखा था:
''फेसबुक, तुम्हारी आंखी दास को पब्लिक में दौड़ा कर लटकाया जा सकता है। फेसबुक को भारत में अपनी दुकान बंद कर देनी चाहिए। भारत छोड़ो।''
तीसरा नामजद आरोपी हिमांशु देशमुख को बनाया गया है। इनके जिस यूआरएल का शिकायत में जिक्र है, वह एक और नामजद आवेश तिवारी के फेसबुक स्टेटस का शेयर है।
इसके बाद आंखी दास ने वरिष्ठ पत्रकार आवेश तिवारी के फेसबुक स्टेटस का यूआरएल डाला है। इस स्टेटस में आवेश तिवारी ने वॉल स्अ्रीट जर्नल में फेसबुक के बारे में छपी स्टोरी को आठ बिंदुओं में समझाते हुए एक तस्वीर डाली है जिसमें आंखी दास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिख रही हैं।
आंखी दास ने खुद शिकायत में लिखा है कि ये सभी 'धमकियां' उन्हें 14 अगस्त को वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के हवाले से मिल रही हैं जिसे भारत में सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है।
आंखी दास लिखती हैं कि उपर्युक्त व्यक्तियों ने ''अपनी राजनीतिक सम्बद्धता'' के चलते जानबूझ कर'' उन्हें बदनाम किया है तथा उन्हें अपने और अपने परिवार वालों की सुरक्षा का डर सता रहा है।
वे अपनी शिकायत में पुलिस को आइपीसी की वे धाराएं सुझाती हैं जिनके तहत उनके आरोपितों पर पर मुकदमा किया जाना चाहिए। विडम्बना यह है कि भारत में कुछ प्रकाशनों ने उनकी सुझायी धाराओं को एफआइआर की धारा मानकर खबर बना दी है। इनमें क्विंट हिंदी प्रमुख है। एफआइआर की यह गलत खबर समाचार एजेंसी आइएएनएस ने स्रोतों के हवाले से चलायी थी।
इस शिकायत में एक दिलचस्प बात यह है कि आंखी दास द्वारा नामजद बनाये गये चार व्यक्ति/हैंडिल की कार्रवाइयां किसी न किसी रूप में वकील साकेत गोखले के ट्वीट से जुड़ी हैं लेकिन साकेत गोखले खुद नामजद नहीं हैं।
इसे ऐसे समझें कि साकेत गोखले के ट्वीट पर दो हैंडिल से रिप्लाई हुआ जिनका जिक्र शिकायत में है: @justanalysis1 और @its_annu_ जबकि तीसरे नामजद ट्राविस बिकल ने उसी थ्रेड में @its_annu_ को जवाब दिया। आंखी दास की शिकायत में ये तीनों आरोपी हैं लेकिन साकेत गोखले आरोपी नहीं हैं। इनमें से @its_annu_ का यूआरएल गायब है और आखिरी रीट्वीट दिसंबर 2017 का है।
आंखी दास ने गोखले को आरोपी तो नहीं बनाया है, लेकिन अपनी तस्वीर सर्कुलेट करने वाले तीन यूआरएल शिकायत में डाले हैं जिसमें एक स्टेटस साकेत गोखले का भी है।
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