सेवा में, 2 जुलाई, 2016
श्रीमान अध्यक्ष
महोदय,
राष्ट्रीय
मानवाधिकार आयोग,नई दिल्ली |
विषय : उत्तर प्रदेश
के वाराणसी जिले में 9 वर्षीय नाबालिक लड़की का उसके ही पिता द्वारा कई वर्षो से
बलात्कार किया जा रहा था उस नाबालिक पीडिता को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश
के अनुसार मुआवजा दिलाने के सन्दर्भ में |
महोदय,
आपको ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि
पूजा पाण्डेय पत्नी अरुण पाण्डेय उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले ग्राम-प्रतापपुर,
थाना-मिर्जामुराद, की रहने वाली है | दिनांक 5 फरवरी, 2016 को सुबह 8 बजे उसके
लड़के देव ने उसे बताया कि उसके पापा अरुण पाण्डेय उसकी दीदी रागिनी (परिवर्तित नाम) जो करीब 9 वर्ष
की है उसके साथ गलत काम कर रहे थे | जब पूजा ने इस बात को अपनी सास गीता पाण्डेय
को बताया तो उसकी सास ने बच्ची रागिनी (परिवर्तित नाम) से पूछा तब उसने बताया कि उसके पापा यह
गन्दा काम काफी समय से कर रहे है और यह धमकी दिए है कि यदि ये बात किसी को बताओगी
तो उसे व उसके पूरे परिवार को जान से मार देंगे |
इसके बाद उसकी पत्नी पूजा पाण्डेय ने अपने
पति अरुण पाण्डेय के खिलाफ मिर्ज़ामुराद थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया (संलग्नक-1)
| जिसके बाद पुलिस ने तुरन्त कार्यवाही करते हुए आरोपी पिता को गिरफ्तार किया और
उसकी माँ और उस बच्ची का मजिस्ट्रेट के सामने CrPc की धारा 164 का कलमबद्ध बयान
दर्ज हो चुका है |
अतः आपसे निवेदन है कि कृपया माननीय
सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के CRIMINAL
APPEAL NO. 884 OF 2015 केस टेकन उर्फ़ टेकराम बनाम मध्य प्रदेश सरकार में माननीय
सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों की सूची जारी की है जिसमे बलात्कार के लिए
पीडिता व उसके परिजनों को मुआवजे की राशि दी गयी है उस सूची के अनुसार उत्तर
प्रदेश शासन द्वारा रूपये 200000/- (रुपये दो लाख) देने का प्राविधान है (संलग्नक-2)
| अतः आप राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को यह मुआवजा राशि पीडिता को दिलाने हेतु
निर्देशित करने की कृपा करे |
भवदीय
डा0 लेनिन रघुवंशी
सीईओ
मानवाधिकार
जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर,
वाराणसी
+91-9935599333
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