Saturday, November 12, 2016

Friday, November 11, 2016

PVCHR and Lenin Raghuvanshi: Part1



"To get in touch with the many problems, still existing in Indian society, this Brochure should be a Symbol to “feel” and don’t forget, what’s still worth to fighting for – the beauty and variety of India and its people. Don’t leave them behind!" – Dr. Lenin Raghuvanshi, CEO PVCHR

Friday, September 23, 2016

Urgent Petition : छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चाम्पा जिले के थाना मुलमुल में पुलिस की पिटाई से युवक की मौत के सन्दर्भ में उच्च स्तरीय जांच और मुआवजे के सन्दर्भ में |

सेवा में,                                  23 सितम्बर, 2016

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |

विषय : छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चाम्पा जिले के थाना मुलमुल में पुलिस की पिटाई से युवक की मौत के सन्दर्भ में उच्च स्तरीय जांच और मुआवजे के सन्दर्भ में |

महोदय,

      आपका ध्यान आनलाईन न्यूज पोर्टल "www.khulasatv.com" की खबर "थाने में पुलिस की पिटाई से युवक की मौत, थानेदार ने कहा – हाँ मैंने मारा, जो हो सके कर लो" (न्यूज लिंक संलग्नक http://www.khulasatv.com/2016/09/87_20.html#.V-S_Mmb_rcd" की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि पुलिस द्वारा थाने में युवक को पीटकर मार डाला गया और थानेदार ने यह कबूल भी कर लिया कि उसी ने मारा है कोइ उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता | जिससे पुरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है | साथ ही लोगो में सुरक्षा को लेकर शंका भी बनी हुई है |

      अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस अमानवीय घटना की उच्च स्तरीय जांच कराते हुए मृतक के परिजनों को मुआवजा दिलाने की कृपा करे |

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

सीईओ

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

91-9935599333



छत्तीसगढ़ 20 सितंबर 2016 (जावेद अख्तर). जांजगीर-चाम्पा जिले के नरियरा निवासी एक युवक की पुलिस पिटाई से मौत हो गई, जिस पर पामगढ़ में बवाल मचा हुआ है। परिजनों ने मुलमुला पुलिस पर युवक की पिटाई कर जान से मार देने का आरोप लगाया है और शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम किया गया। घटना की सूचना मिलने के बाद, कलेक्टर एस भारती दासन, एसपी अजय यादव एवं अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।

जानकारी के अनुसार एसपी ने मुलमुला थाना प्रभारी जीतेन्द्र सिंह राजपूत को सस्पेंड कर दिया तथा स्थिति को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया।

आईजी पहुंचे मौके पर –

बिलासपुर रेंज आईजी विवेकानन्द सिन्हा भी मौके पर पहुंच गए। परिजन और ग्रामीण आरोपी थानेदार पर हत्या का आरोप लगा कर जेल में बंद करने की मांग पर अड़े रहे और राज्य सरकार व पुलिस प्रशासन के विरूद्ध जमकर नारेबाज़ी भी की गई।

शासकीय व प्रशासनिक व्यवस्था बदहाल –

छत्तीसगढ़ में राज्य की सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने में सफल हुई परंतु इस शासनकाल में राज्य की भाजपा सरकार कितना अच्छा कार्य कर रही है और प्रदेश में हालात कैसे हैं, यह इस दिल दहला देने वाली घटना से समझा जा सकता है। प्रशासनिक अधिकारी कितना संविधान व कानून के अनुरूप कार्य करतें हैं व राज्य में सरकार का कितना भय है और व्यवस्था कैसी चल रही है? यह उसका जीवंत उदाहरण व स्पष्ट प्रमाण है।


बिजली कर्मियों से बहस की ऐसी सज़ा ?

जांजगीर-चाम्पा जिले के पामगढ़ विकासखण्ड के ग्राम नरियरा निवासी सतीश नोरंगे बिजली विभाग के दफ्तर गया हुआ था इस दौरान वहां के कुछ कर्मियों से उसका विवाद हो गया जिसके बाद विद्युतकर्मियों ने पुलिस को फोन करके बुला लिया, पुलिसकर्मी सतीश नोरंगे को पीटते हुए थाने ले गए, जहां पर थाना प्रभारी ने बुरी तरह से पिटाई कर दी। तकरीबन 5-6 घंटे बाद अचानक सतीश नोरंगे को पामगढ़ अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
 
पुलिस पिटाई से सतीश की मौत

घटना की सूचना मिलने के बाद परिजन पामगढ़ अस्पताल पहुंचे और हंगामा कर दिया। शव को अस्पताल से ले जाकर सड़क पर चक्काजाम कर दिया, परिजनों ने शव की हालत देखते हुए आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसे बुरी तरह पिटा है, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई।

मृतक के बदन पर पिटाई के गहरे निशान

मौके पर पहुंचे एसपी यादव ने पहले पहल तो पुलिस द्वारा पिटाई करने से मौत की बात से इंकार कर दिया और सतीश की मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बता रहे थे, परंतु जमा भीड़ के तेवर देख कर एसपी ने चुप्पी साध ली। मृतक के परिजनों ने जब मृतक के कमर के नीचे के हिस्से को दिखाया तो कलेक्टर, एसपी व खड़े समस्त लोगों के होश फाख्ता हो गए क्योंकि मृतक सतीश के शरीर के कमर के निचले हिस्से पर गहरा नीला व काली रंगत के निशान निचले हिस्से में दूर तक बने हुए थे जो कि प्रभारी द्वारा बेरहमी से पिटाई को बयां कर रहा था। निशानों को देखकर पुलिसिया बर्बता की बातें एक बार पुन: से सबके सामने आ गई है।

 
मौत पर चढ़ा राजनीतिक रंग

छत्तीसगढ़ में पुलिस कस्टडी में मौत राजनीतिक रंग लेने लगा, शनिवार को मुलमुला थाना में पुलिस पिटाई से युवक की मौत के बाद रविवार को अमित जोगी नरियरा में हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पहुंच गये। अमित जोगी ने मृतक के परिजनों द्वारा आरोपी थानेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग पर हो रहे चक्का जाम में हिस्सा लिया। उधर, रायपुर में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल मुख्यमंत्री आवास के सामने धरने पर बैठ गये।
  
मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जांजगीर-चाम्पा जिले के मुलमुला पुलिस थाने में एक युवक को कथित रूप से हिरासत में लिए जाने के बाद पामगढ़ के सरकारी अस्पताल में उसकी मृत्यु के मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने अधिकारियों को सम्पूर्ण घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच शुरू हो गई है। डॉ. रमन सिंह ने राजधानी रायपुर में स्थानीय मीडिया प्रतिनिधियों से कहा - मुझे कल रात जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, मैंने तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जांच शुरू करने के निर्देश दिए। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रकरण की निष्पक्ष जांच होगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ विधि सम्मत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

प्रभारी समेत दो पुलिसकर्मी निलंबित

पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चाम्पा अजय यादव ने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में मुलमुला के थाना प्रभारी जितेन्द्र सिंह राजपूत को शनिवार 17 सितंबर को ही निलंबित कर दिया था। अगले दिन रविवार 18 सितंबर को मुलमुला थाने के दो आरक्षकों सुनील ध्रुव और दिलहरण मिरी को भी कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया। पुलिस अधीक्षक ने दो अलग-अलग आदेशों में तीनों निलंबित पुलिस कर्मियों का मुख्यालय रक्षित केन्द्र जांजगीर निर्धारित किया है।

एसपी ने मांग की न्यायिक अधिकारी की

पुलिस अधीक्षक ने जांजगीर-चाम्पा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को आज 18 सितंबर को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया है कि प्रकरण की समीक्षा करने और मृतक के शरीर के पंचनामे और मृत्यु के कारणों की जांच के लिए न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति की जाये। पुलिस अधीक्षक ने आगे लिखा है कि मृत्यु पुलिस की अभिरक्षा से संबंधित है। मृतक का शव जांजगीर के पोस्टमार्टम गृह में रखा गया है। उन्होंने मृतक के शव के पंचायतनामा और मृत्यु के कारणों के संबंध में जांच के लिये न्यायिक मजिस्ट्रेट नियुक्त करने का अनुरोध किया। जिसको 19 सितंबर को सहमति दे दी गई है। अब मामले की जांच के लिए न्यायिक कमेटी का गठन कर दिया है जो कि तेज़ी से जांच कर रिपोर्ट जमा करना है।
  
हां मारा हूं, जो कर सकते हो कर लो

जांजगीर-चांपा जिला में थाना में पुलिस के पिटाई से हुई युवक की मौत की खबर के अनुसार ही संबंधित थानेदार ने स्वीकार किया है कि - हां, मैंने मारा है, जो कर सकते हो कर लो, मेरा कोई कुछ नहीं उखाड़ सकता है। वहीं शासन को भी भ्रष्टाचारी बताते हुए थानेदार ने कहा कि उसने गलती की थी इसीलिए उसकी पिटाई की गई।

 
एसपी ने नकारा पुलिस पिटाई से मौत के तथ्य को

जबकि जिला एसपी ने पुलिस की पिटाई से मौत की बात को नकारते हुए थानेदार समेत 4 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया था इस मामले में नया रायपुर स्थित मंत्रालय में गृहसचिव और पुलिस महानिदेशक ने प्रेसवार्ता लेते हुए कहा कि मृतक के परिवार को 5 लाख रुपए और परिवार के सदस्य को नौकरी की घोषणा की है।

 

  संदेहास्पद तथ्य

  1. गृहसचिव और डीजीपी की संयुक्त प्रेसवार्ता नया रायपुर में क्यों रखी गई जो शहर से बहुत दूर है क्या इसलिए की सिर्फ कार वाले पत्रकार और मीडिया संस्थान ही प्रेसवार्ता में शामिल हो?
    2.
    दूसरा मृत युवक को थाना में किस गंभीर प्रकरण में कौन कौन सी धारा के तहत हिरासत में लेकर रखा गया था?

    3. क्या इतने गंभीर मामले में मृतक के शव का दाहसंस्कार किया जाना सही था?
       
    विरोध में विशाल बाइक रैली

    पुलिस और प्रशासन के खिलाफ़ एवं मुलमुला थाने में हुई अमानवीय घटना के विरोध में 11 बजे केवड़ाबाड़ी चौक से विशाल बाइक रैली निकाली गई। प्रदेश में जिस वर्ग के लोग पर अत्याचार या घिनौना अपराध हुआ तो उसी वर्ग के अधिक लोग व सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किया जाता है परंतु ऐसी कम ही घटनाएं रहीं जिनमें पीड़ित वर्ग के अलावा अन्य सभी वर्ग के लोग बड़ी संख्या में विरोध करने उतर आएं हो, यह मामला भी ऐसा ही हो गया है जिसमे दलित-आदिवासियों का शोषण एवं प्रताड़ना का विरोध करने का लिए पीड़ित वर्ग के अलावा सामान्य, मध्‍यम व अल्पसंख्यक वर्ग के भी लोग बड़ी संख्या में निकल गए हैं।
     
    राज्य सरकार के लिए बढ़ती मुसीबतें


इस हृदय विदारक घटना ने पूरे छत्तीसगढ़ की समस्त जनता को झकझोर दिया है। जिससे राज्य की सरकार के लिए मुसीबतें भी बढ़ती जा रही है। घटना जिला जांजगीर-चाम्पा में घटी और विरोध जांजगीर-चाम्पा से निकलकर  रायगढ़, राजनांदगांव, बस्तर, रायपुर समेत कई ब्लाक व गांवों तक में किया गया। अब इन जिलों के अलावा अन्य जिलों व तहसीलों में भी विरोध किए जाने की संभावना बनती दिखाई दे रही है। प्रदेश की अधिकांश जनता, व्यापारी वर्ग, मज़दूर तबका, किसान एवं युवा छात्र छात्राओं ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई है क्योंकि प्रशासन बेलगाम हो रहा है और सरकार जांच व कार्यवाही के बयानबाज़ी के अलावा वास्तविक रूप में कारवाई नहीं की जा रही है। सरकार के मंत्रियों के पास भ्रष्टाचार और घोटालों को सिवा अन्य कोई भी कार्य नहीं कर रहें हैं। क्या इस पर राज्य सरकार विचार करेगी या सत्ता हाथ से निकलने के बाद ही समझ आएगा जैसे कि केंद्रीय संप्रग सरकार को इस बार समझ आया था।












 

Saturday, July 2, 2016

उत्तर प्रदेश के जिला जौनपुर के एस मार्का ईंट भट्टा के मालिको द्वारा मुसहर मजदूरों को पैसा माँगने पर बुरी तरीके से मारने पीटने, जाति सूचक गाली देने और जान से मारने की धमकी देने और मजदूरी के बकाया पैसा न देने के सन्दर्भ में |

सेवा में,                                   2 जुलाई, 2016

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |

विषय : उत्तर प्रदेश के जिला जौनपुर के एस मार्का ईंट भट्टा के मालिको द्वारा मुसहर मजदूरों को पैसा माँगने पर बुरी तरीके से मारने पीटने, जाति सूचक गाली देने और जान से मारने की धमकी देने और मजदूरी के बकाया पैसा न देने के सन्दर्भ में |

महोदय,

      आपका ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि पीड़ित राजेन्द्र, धर्मेन्द्र कुमार, शिव कुमार, पुत्र हरिगेन बनवासी, व जीत लाल पुत्र स्व0 लालचंद बनवासी और पप्पू पुत्र स्व0 हरेन ग्राम-बनेवरा, थाना-नेवाढीया, जिला-जौनपुर के निवासी है | ये सभी 16 फरवरी, 2016 को एस मार्का ईंट भट्टा ग्राम-बनेवरा, थाना-नेवाढीया, जिला-जौनपुर में भट्टे पर कोयला तोड़ने व कोयले को भट्टे के चेम्बर में लोड करने व राबिस काटने और राबिस चढाने के काम के लिए गए थे | इसके साथ ही भट्टा मालिक प्रेम प्रकाश उर्फ़ मुन्ना सिंह उपरोक्त मजदूरों को 15500/ नगद अग्रिम धनराशि दो किश्तों में दिनांक 18 फरवरी, 2016 व 20 फरवरी, 2016 को दिया था | इसके साथ ही उपरोक्त सभी 5 मजदूरों को मजदूरी 43000/- रुपये प्रतिमाह देना तय किया गया था इसके साथ ही प्रति सप्ताह 2000/ रुपये खोराकी देना तय हुआ था और खोराकी का रुपया मजदूरी में से कटाने का तय हुआ था |

      इसके बाद उपरोक्त मजदूर वहाँ पर काम करने लगे परन्तु जब 27 जून, 2016 को अपनी मजदूरी का हिसाब करने भट्टा पर गए तो भट्टा मालिक प्रेम प्रकाश उर्फ़ मुन्ना सिंह ने उन सभी मजदूरों को जाति सूचक गली देते हुए बहुत बुरी तरह से मारा–पीटा और गाली देकर जान से मरने की धमकी देकर वहाँ से भगा दिया और कहा कि यदि दुबारा पैसा मांगने आये तो जान से मार देंगे तुम लोगो का सब हिसाब किताब हो चुका है |

      जबकि विदित हो कि 16 फरवरी, 2016 से 27 जून 2016 तक रात दिन भट्टा पर काम करने के बाद उन पांचो मजदूरों की कुल मजदूरी 150500/- रुपये बंटी है और खुराकी का 29100/- जिसमे से अभी 44600/- रुपया अभी बकाया है जिसे भट्टा मालिक नहीं दे रहा है | विदित हो कि भट्टा मालिक के डर से मजदूर अभी अपना घर छोड़कर अन्यत्र रहने को मजबूर है |

      अतः आपसे निवेदन है कि कृपया इसे संज्ञान में लेते हुए इस पर न्यायोचित कार्यवाही करने की कृपा करे | साथ ही मजदूरों का बकाया पैसा दिलाते हुए SC/ST एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत करने का निर्देश देते हुए न्यायोचित कार्यवाही करने की कृपा करे |      

 

 

संलग्नक :

  1. मजदूरों का हलफनामा |

  2. मालिक द्वारा दिए गए हिसाब की बुक की छाया प्रति |         

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

सीईओ

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

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Friday, July 1, 2016

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में 9 वर्षीय नाबालिक लड़की का उसके ही पिता द्वारा कई वर्षो से बलात्कार किया जा रहा था उस नाबालिक पीडिता को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मुआवजा दिलाने के सन्दर्भ में |


सेवा में,                                                                                                               2 जुलाई, 2016

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली |

विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में 9 वर्षीय नाबालिक लड़की का उसके ही पिता द्वारा कई वर्षो से बलात्कार किया जा रहा था उस नाबालिक पीडिता को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मुआवजा दिलाने के सन्दर्भ में | 

महोदय,
      आपको ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि पूजा पाण्डेय पत्नी अरुण पाण्डेय उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले ग्राम-प्रतापपुर, थाना-मिर्जामुराद, की रहने वाली है | दिनांक 5 फरवरी, 2016 को सुबह 8 बजे उसके लड़के देव ने उसे बताया कि उसके पापा अरुण पाण्डेय उसकी दीदी रागिनी (परिवर्तित नाम) जो करीब 9 वर्ष की है उसके साथ गलत काम कर रहे थे | जब पूजा ने इस बात को अपनी सास गीता पाण्डेय को बताया तो उसकी सास ने बच्ची रागिनी (परिवर्तित नाम) से पूछा तब उसने बताया कि उसके पापा यह गन्दा काम काफी समय से कर रहे है और यह धमकी दिए है कि यदि ये बात किसी को बताओगी तो उसे व उसके पूरे परिवार को जान से मार देंगे |

      इसके बाद उसकी पत्नी पूजा पाण्डेय ने अपने पति अरुण पाण्डेय के खिलाफ मिर्ज़ामुराद थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया (संलग्नक-1) | जिसके बाद पुलिस ने तुरन्त कार्यवाही करते हुए आरोपी पिता को गिरफ्तार किया और उसकी माँ और उस बच्ची का मजिस्ट्रेट के सामने CrPc की धारा 164 का कलमबद्ध बयान दर्ज हो चुका है |    

      अतः आपसे निवेदन है कि कृपया माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के CRIMINAL APPEAL NO. 884 OF 2015 केस टेकन उर्फ़ टेकराम बनाम मध्य प्रदेश सरकार में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों की सूची जारी की है जिसमे बलात्कार के लिए पीडिता व उसके परिजनों को मुआवजे की राशि दी गयी है उस सूची के अनुसार उत्तर प्रदेश शासन द्वारा रूपये 200000/- (रुपये दो लाख) देने का प्राविधान है (संलग्नक-2) | अतः आप राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को यह मुआवजा राशि पीडिता को दिलाने हेतु निर्देशित करने की कृपा करे |

 

 

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

सीईओ

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

+91-9935599333

 

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में नाबालिक लड़की को रिश्तेदारों द्वारा बेचे जाने और बरामदगी के बाद गर्भवती होने पर भी किसी प्रकार का राहत व स्वास्थ्य सुविधाए न मिलने से जान का खतरा होने व माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मुआवजा दिलाये जाने के सन्दर्भ में |


सेवा में,                                                                                2 जुलाई, 2016

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |

विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में नाबालिक लड़की को रिश्तेदारों द्वारा बेचे जाने और बरामदगी के बाद गर्भवती होने पर भी किसी प्रकार का राहत व स्वास्थ्य सुविधाए न मिलने से जान का खतरा होने व माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मुआवजा दिलाये जाने के सन्दर्भ में |  

महोदय,

      आपको ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के शिवदासपुर क्षेत्र, थाना-मंडुआडीह की रहने वाली रीता देवी पत्नी स्व0 बसन्त लाल बैंगलोर में नौकरी करती थी | दिनांक 1 फरवरी, 2016 को अपने बहन की लड़की श्रीमती दीपा पत्नी रमेश भारतीय, निवासी लहरतारा, मंडुआडीह, वाराणसी जिसकी तबियत बहुत ख़राब थी उसे देखने हेतु अपनी 16 वर्षीय नाबालिग पुत्री कुमारी रूबी (परिवर्तित नाम) (संलग्नक-1) के साथ दीपा के घर आयी थी | चुकी दीपा की तबियत बहुत ख़राब थी इसलिए उसके कहने पर रीता देवी ने घर का काम करने व उसकी सेवा करने के लिए अपनी पुत्री रूबी (परिवर्तित नाम) को वहाँ छोड़कर अपने बेटे को लेने के लिए बैंगलोर चली गयी | जब वहाँ से वापस लौटकर वाराणसी आयी तो उसे पता चला कि उसका बहनोई संतोष कुमार पुत्र राधेश्याम निवासी रानीपुर, भेलूपुर, वाराणसी तथा दामाद रमेश भारतीय पुत्र प्यारे लाल निवासी लहरतारा, वाराणसी ने मिलकर उसकी नाबालिग पुत्री रूबी (परिवर्तित नाम) का अपहरण करके उसे अपने साथ राजस्थान ले जाकर मदन महण पुत्र स्व0 सरदार, निवासी बुगाला, तहसील-नवलगढ़, जिला-झुंझुनूं, राजस्थान को बेच दिया तथा फर्जी तरीके से एक शादी का करारनामा दिनांकित 12 फरवरी, 2016 का दिखाने लगे (संलग्नक-2) जिसमे पीडिता की पुत्री रूबी (परिवर्तित नाम) के पिता का नाम राजेश बीन दर्शाया गया है जबकि ज्योति के पिता का नाम बसन्त लाल है | जब पीडिता ने मदन महण से संपर्क किया तो वो उसकी बेटी को लौटाने के लिया रुपये 170000/- फिरौती के रूप में मान करने लगा | साथ ही यह भी धमकी देने लगा कि यदि इसकी शिकायत कही भी करोगी तो तुम्हारी बेटी और तुमको जान से मार देंगे |

      जिसके बाद पीडिता भेलूपुर थाने से लेकर वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से कई बार शिकायत कर चुकी परन्तु डी आई जी वाराणसी मण्डल के हस्तक्षेप से 15 अप्रैल, 2016 को थाना भेलूपुर में मुकदमा दर्ज किया गया (संलग्नक-3) |

      पुलिस द्वारा कार्यवाही में अभी भी लापरवाही की जा रही है और अभी भी 2 आरोपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार नहीं किया जा सके |

      आपका ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि बच्ची की बरामदगी करके उसे न्यायालय बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिसमे यह चौकाने वाल तथ्य आया कि बच्चे डेढ़ माह की गर्भवती है (संलग्नक-4) | अभी वर्तमान में वह बच्ची अपनी माँ के साथ शिवदासपुर, वाराणसी में रह रही है | आप से अनुरोध है कि पीडिता की माली हालत अत्यन्त दयनीय है और वह थी ढंग से अपनी पुत्री का इलाज और खान-पान वहाँ नहीं कर पा रही है | अभी वह पूरा परिवार भुखमरी के कगार पर है |

      अतः आपसे निवेदन है कि कृपया उस नाबालिग बच्ची के इलाज और उसके खान-पान हेतु जिला प्रशासन को निर्देशित किया जाय जिससे उस नाबालिग बच्ची और उसके परिवार की जान बच सके | इसके साथ ही आपसे यह भी अनुरोध है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के CRIMINAL APPEAL NO. 884 OF 2015 केस टेकन उर्फ़ टेकराम बनाम मध्य प्रदेश सरकार में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों की सूची जारी की है जिसमे बलात्कार के लिए पीडिता व उसके परिजनों को मुआवजे की राशि दी गयी है उस सूची के अनुसार उत्तर प्रदेश शासन द्वारा रूपये 200000/- (रुपये दो लाख) देने का प्राविधान है (संलग्नक-5) | अतः आप राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को यह मुआवजा राशि पीडिता को दिलाने हेतु निर्देशित करने की कृपा करे |

 

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

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Thursday, April 14, 2016

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के जेल के अन्दर हुए घटना के सन्दर्भ में

सेवा में,                                 14 अप्रैल, 2016

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |

विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के जेल के अन्दर हुए घटना के सन्दर्भ में |

महोदय,

      आपका ध्यान दैनिक समाचार पत्र "हिन्दुस्तान" की इस खबर "धरने पर बैठे बंदी, डीआईजी जेल समेत अन्य अधिकारी पहुँचे" और "दैनिक जागरण" के इस खबर "जिला कारागार में लगे पुलिस के कैमरे भी ख़राब" की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ | जैसा कि पहले भी जेल में इस तरह की घटनाये आये दिन होना आम बात है लेकिन वाराणसी पुलिस ने इससे निपटने के लिए जेल के बाहर से लेकर अन्दर तक सीसीटीवी कैमरों का इंतजाम किया था पर उसके बाद भी इस तरह से घटना कैसे जेल के अन्दर घटित हो गयी | यह जाँच का विषय है |

      कृपया इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस घट्न की जाँच किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराते हुए दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही का आदेश देने की कृपा करे |

 

संलग्नक :

  1. दैनिक समाचार पत्र "हिन्दुस्तान" की खबर की प्रति |

  2. दैनिक समाचार "दैनिक जागरण" की खबर की प्रति |

 

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

महासचिव

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बिहार के सुपौल जिले में डायन होने के शंका में महिला को सरे आम नंगा कर पीटने और उसे जबरदस्ती मैला पिलाने के बावजूद पुलिस द्वारा कोइ कार्यवाही न किये जाने के सन्दर्भ में |

सेवा में,                                     14 अप्रैल, 2016

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |


विषय : बिहार के सुपौल जिले में डायन होने के शंका में महिला को सरे आम नंगा कर पीटने और उसे जबरदस्ती मैला पिलाने के बावजूद पुलिस द्वारा कोइ कार्यवाही न किये जाने के सन्दर्भ में |

महोदय,

      आपका ध्यान ऑनलाईन न्यूज भोपाल समाचार की इस खबर "बिहार में विधवा को नंगा करके पीटा, मैला पिलाया" की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ | जिसमे प्रकाशित खबर के अनुसार बिहार के सुपौल जिले के किशनपुर थाना अन्तर्गत अंदौली पंचायत के बैद्यनाथपुर गाँव में दबंगों द्वारा एक महिला को सरेआम नंगा कर पीटा और उसे मैला पीने को मजबूर किया |

      कृपया इस मामले को संज्ञान में लेते हुए न्यायोचित कार्यवाही करते हुये दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करते हुए पीडिता को उचित मुआवजा दिलवाने की कृपा करे |

 

संलग्नक :

  1. http://www.bhopalsamachar.com/2016/04/blog-post_967.html

 

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

+91-9935599333

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बिहार में विधवा को नंगा करके पीटा, मैला पिलाया

Tuesday, April 12, 2016

 

नईदिल्ली। बिहार के सुपौल जिले में हैवानियत की हद पार करती एक घटना हुई। गांव के कुछ दबंगों ने एक महिला को सरेआम नंगा कर पीटा, फिर उसे मैला पीने के लिए मजबूर किया। इतने से भी जी न भरा तो उसे उसी अवस्था में फिर पीटने लगे और बेहोश हो जाने पर मरा समझ एक झाड़ी में ले जाकर फेंक दिया।

 

दिल को दहलाने वाली यह घटना सुपौल जिले के किशनपुर थाना अंतर्गत अंदौली पंचायत के बैद्यनाथपुर गांव की है। पीड़िता ने गांव के ही रामदेव यादव, राजदेव यादव, इकाबरी देवी, जयंती देवी, उमा शंकर यादव, शिव शंकर यादव आदि पर डायन बताकर बेरहमी से पिटाई करने, नग्न करने, मैला पिलाने और झाड़ी में फेंकने के आरोप लगाए हैं।

Monday, April 11, 2016

नियमताबाद में पुलिस द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी डी0के बसु गाईड लाइन का उल्लंघन करने के सन्दर्भ में

सेवा में,                                                               11 अप्रैल, 2016   

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |

विषय : नियमताबाद में पुलिस द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी डी0के बसु गाईड लाइन का उल्लंघन करने के सन्दर्भ में  |  

महोदय,

      आपका ध्यान दैनिक समाचार पत्र "जन्संदेश टाइम्स" में छपी खबर "दलित लडकी पाँच दिन से थाने में, ताक पर नियम"  की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ |  जिसमे प्रकाशित खबर के अनुसार पुलिस ने नाबालिग लड़की को बरामद करने के पश्चात् 5 मार्च, 2016 से थाने में ही रखा है उसे न तो सी.डब्लू.सी. को सुचना दी है और न ही लडकी का मेडिकल ही करवाया है |

      अतः आपसे अनुरोध है कि कि कृपया इस खबर को संज्ञान में लेते हुए न्यायोचित कार्यवाही हेतु निर्देशित कर पीडित के परिवार को मुआवजा दिलाने की कृपा करे  साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के |

 

संलग्नक :

1.    दैनिक समाचार पत्र "जन्संदेश टाइम्स" की खबर की प्रति |

 

 

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

+91-9935599333