सेवा में, 2 जुलाई, 2016
श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली |
विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में नाबालिक लड़की को रिश्तेदारों द्वारा बेचे जाने और बरामदगी के बाद गर्भवती होने पर भी किसी प्रकार का राहत व स्वास्थ्य सुविधाए न मिलने से जान का खतरा होने व माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मुआवजा दिलाये जाने के सन्दर्भ में |
महोदय,
आपको ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के शिवदासपुर क्षेत्र, थाना-मंडुआडीह की रहने वाली रीता देवी पत्नी स्व0 बसन्त लाल बैंगलोर में नौकरी करती थी | दिनांक 1 फरवरी, 2016 को अपने बहन की लड़की श्रीमती दीपा पत्नी रमेश भारतीय, निवासी लहरतारा, मंडुआडीह, वाराणसी जिसकी तबियत बहुत ख़राब थी उसे देखने हेतु अपनी 16 वर्षीय नाबालिग पुत्री कुमारी रूबी (परिवर्तित नाम) (संलग्नक-1) के साथ दीपा के घर आयी थी | चुकी दीपा की तबियत बहुत ख़राब थी इसलिए उसके कहने पर रीता देवी ने घर का काम करने व उसकी सेवा करने के लिए अपनी पुत्री रूबी (परिवर्तित नाम) को वहाँ छोड़कर अपने बेटे को लेने के लिए बैंगलोर चली गयी | जब वहाँ से वापस लौटकर वाराणसी आयी तो उसे पता चला कि उसका बहनोई संतोष कुमार पुत्र राधेश्याम निवासी रानीपुर, भेलूपुर, वाराणसी तथा दामाद रमेश भारतीय पुत्र प्यारे लाल निवासी लहरतारा, वाराणसी ने मिलकर उसकी नाबालिग पुत्री रूबी (परिवर्तित नाम) का अपहरण करके उसे अपने साथ राजस्थान ले जाकर मदन महण पुत्र स्व0 सरदार, निवासी बुगाला, तहसील-नवलगढ़, जिला-झुंझुनूं, राजस्थान को बेच दिया तथा फर्जी तरीके से एक शादी का करारनामा दिनांकित 12 फरवरी, 2016 का दिखाने लगे (संलग्नक-2) जिसमे पीडिता की पुत्री रूबी (परिवर्तित नाम) के पिता का नाम राजेश बीन दर्शाया गया है जबकि ज्योति के पिता का नाम बसन्त लाल है | जब पीडिता ने मदन महण से संपर्क किया तो वो उसकी बेटी को लौटाने के लिया रुपये 170000/- फिरौती के रूप में मान करने लगा | साथ ही यह भी धमकी देने लगा कि यदि इसकी शिकायत कही भी करोगी तो तुम्हारी बेटी और तुमको जान से मार देंगे |
जिसके बाद पीडिता भेलूपुर थाने से लेकर वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से कई बार शिकायत कर चुकी परन्तु डी आई जी वाराणसी मण्डल के हस्तक्षेप से 15 अप्रैल, 2016 को थाना भेलूपुर में मुकदमा दर्ज किया गया (संलग्नक-3) |
पुलिस द्वारा कार्यवाही में अभी भी लापरवाही की जा रही है और अभी भी 2 आरोपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार नहीं किया जा सके |
आपका ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि बच्ची की बरामदगी करके उसे न्यायालय बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिसमे यह चौकाने वाल तथ्य आया कि बच्चे डेढ़ माह की गर्भवती है (संलग्नक-4) | अभी वर्तमान में वह बच्ची अपनी माँ के साथ शिवदासपुर, वाराणसी में रह रही है | आप से अनुरोध है कि पीडिता की माली हालत अत्यन्त दयनीय है और वह थी ढंग से अपनी पुत्री का इलाज और खान-पान वहाँ नहीं कर पा रही है | अभी वह पूरा परिवार भुखमरी के कगार पर है |
अतः आपसे निवेदन है कि कृपया उस नाबालिग बच्ची के इलाज और उसके खान-पान हेतु जिला प्रशासन को निर्देशित किया जाय जिससे उस नाबालिग बच्ची और उसके परिवार की जान बच सके | इसके साथ ही आपसे यह भी अनुरोध है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के CRIMINAL APPEAL NO. 884 OF 2015 केस टेकन उर्फ़ टेकराम बनाम मध्य प्रदेश सरकार में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों की सूची जारी की है जिसमे बलात्कार के लिए पीडिता व उसके परिजनों को मुआवजे की राशि दी गयी है उस सूची के अनुसार उत्तर प्रदेश शासन द्वारा रूपये 200000/- (रुपये दो लाख) देने का प्राविधान है (संलग्नक-5) | अतः आप राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को यह मुआवजा राशि पीडिता को दिलाने हेतु निर्देशित करने की कृपा करे |
भवदीय
डा0 लेनिन रघुवंशी
सीईओ
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
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