Friday, April 27, 2018

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के थाना कैंट के पहाड़िया पुलिस चौकी में सिपहियो द्वारा मानवाधिकार कार्यकर्ता डा0 लेनिन रघुवंशी के साथ अभद्रता करने व मारपीट किये जाने के सन्दर्भ में

सेवा में,                                          27 अप्रैल, 2018

श्रीमान पुलिस महानिदेशक महोदय,

उत्तर प्रदेश |

विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के थाना कैंट के पहाड़िया पुलिस चौकी में सिपहियो द्वारा मानवाधिकार कार्यकर्ता डा0 लेनिन रघुवंशी के साथ अभद्रता करने व मारपीट किये जाने के सन्दर्भ में |

महोदय,

      आपको यह अवगत कराना चाहता हूँ कि मै लेनिन रघुवंशी, मानवाधिकार कार्यकर्ता हूँ | दिनांक 21 अप्रैल, 2018 को मेरे छोटे भाई कणाद को मोहल्ले में ही एक शादी समारोह में कुछ लोगो द्वारा बहुत बुरी तरह से मारा पीटा गया जिसके कारण उसके सर में 18 टाँके लगे है | लेकिन पुलिस ने अभी तक FIR नहीं लिखा | उस समय मै लन्दन में था | मै दिनांक 26 अप्रैल, 2018 को शाम लगभग 4:00 बजे वहां से वापस आया तो मुझे इस घटना की जानकारी हुई | जिसपर मेरी संस्था मानवाधिकार जननिगरानी समिति के द्वारा पुलिस के उच्च अधिकारियो से इसकी शिकायत भी की गयी थी जिसका लिंक संलग्नक है (http://petition-nhrc.blogspot.in/2018/04/fir.html) | इस बाबत मैं कैंट थाने पर गया और इस घटना में FIR दर्ज नहीं करने का कारण पूछा और इस घटना में क्या कार्यवाही की जा रही है इस बारे में जानकारी चाही | तो उन्होंने मुझे पहाड़िया चौकी भेज दिया | जब मै पहाड़िया चौकी पंहुचा तो वहां पर 3 पुलिस वाले थे जिसमे से एक मुझसे अभद्रता करते हुए बातचीत कर रहा था और दूसरा मेरी बात टेप कर रहा था और मुझे उकसा रहा था | धीरे धीरे वो लोग उग्र हो रहे थे और मेरे साथ मारपीट करने पर उतारू हो रहे थे और उसने अपना नेम टैग हटा लिया | मै समझ गया कि वो लोग अब मुझपर हमला कर सकते है इसलिए मै वहां से निकलकर अपनी मोटरसाईकिल स्टार्ट करने लगा इतने में एक पुलिस वाले ने मेरा हाथ मोड़ दिया इसके साथ ही मेरा मोबाईल भी छीनकर गिरा दिया और मेरी घड़ी भी इसमें टूट गयी | मै लगातार उनलोगों से यह कहता रहा कि कानून का राज है और मै कानून के राज पर भरोसा करता हूँ और मैंने उनलोगों से कैंट थाने की पुलिस बुलाने को कहा | इसपर उस पुलिस वाले ने मुझे गाली देते हुए कहा कि साला बहुत मानवाधिकार कार्यकर्ता बनता है केस उठा उठा कर हम पुलिस को बहुत परेशान करता है यह कहते हुए उसने मेरा हाथ जोर से मोड़ दिया जिससे मेरे कलाई, कंधे और बाह पर सूजन हो गया है | इसी बीच कैंट थाने की पुलिस पहाड़िया चौकी आये तब मैंने कहा कि मेरा मेडिकल करवाइए तो उनलोगों ने मुझे कहा कि आप घर जाइये | जिसके बाद मै घर आ गया और मैंने तुरंत फेसबुक पर लाईव इस घटना की जानकारी सार्वजनिक की |

लिंक (https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=10216549125380460&id=1228281279) (https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=10216549549551064&id=1228281279)

इस पूरी घटना में सबसे आश्चर्यजनक बात यह रही कि वो लोग मेरे उपर दिल्ली में हुए फर्जी केस के बारे में चर्चा कर रहे थे और कह रहे थे हमलोग इसका कुछ नहीं कर पाए | जिसके बाद मैंने 2:51 पर 100 नम्बर पर अपने मोबाईल नम्बर +91-9935599333 से फोन किया | परन्तु कोइ रिस्पोंस मुझे नहीं मिला | इसके साथ ही मैंने 24 घंटे जारी सेवा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मानवाधिकार कार्यकर्ता हेल्प लाइन पर भी 3:13 बजे फोन किया परन्तु फोन उठा नहीं | जिसके बाद 6:47 मिनट पर उनका फोन आया पर मै सो रहा था इस कारण मै फोन नहीं उठा सका |

अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया आप इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कृपया इस घटना की जांच कराई जाय कि कौन पुलिसकर्मी इस घटना में शामिल थे ? साथ ही उन सभी दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर न्यायोचित कार्यवाही करने की कृपा करे |

 

भवदीय

 

लेनिन रघुवंशी

सीईओ

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

गवान्जू ह्यूमन राईट्स अवार्ड 2007 (साउथ कोरिया)

ह्यूमन राईट्स पुरस्कार वाईमर 2010 (जर्मनी)

आचा पीस स्टार अवार्ड 2008 (यू.एस.ए.)

अशोका फेलोशिप 2002,

सिटिजन जर्नलिस्ट 2013 अवार्ड

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

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