सेवा में, 12 सितम्बर, 2014
श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली |
विषय : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में 1 वर्ष के बच्चे को शांति भंग के आरोप में पुलिस द्वारा नोटिस भेजे जाने के सम्बन्ध में |
महोदय,
आपका ध्यान 12 सितम्बर, 2014 को amarujala.com में छपी इस खबर "एक साल के बच्चे को पुलिस ने भेजा नोटिस" ठाकुरद्वारा थाणे के एसएचओ, क्षेत्रीय प्रभारी एसआई और थाने के सिपाहियों ने यासीन से पैसे की मांग की थी | पैसे न देने पर झूठे केस में फ़साने की धमकी दी थी | जिससे पुलिसकर्मियों ने जानबूझकर दुधमुंहे बच्चे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है | उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर शांति भंग की आशंका में पुलिस वाले चालन न काटने के नाम पर एक मोटी रकम जनता से वसूल करते है | जब यासीन ने पैसे देने से मना कर दिया तब उसके 1 वर्षीय दुधमुहे बच्चे के खिलाफ शान्ति भंग करने के खिलाफ नोटिस भेज दिया | 1 वर्ष का बच्चा तो शांति भंग केवल घर में अपने परिवार वालो का ही कर सकता है | ऐसे कई मामले आये दिन पुलिस द्वारा किये जाते है |
अतः आपसे निवेदन है की कृपया आप इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस मामले में निष्पक्ष जाँच कराते हुए दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज करने व पीड़ित को मुआवजा दिलाने की कृपा करे |
संलग्नक :
भवदीय
डा0 लेनिन रघुवंशी
महासचिव
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
+91-9935599333
अन्य संलग्नक :
1. amarujala.com में छपी पूरी खबर :
यूपीः एक साल के बच्चे को पुलिस ने भेजा नोटिस
पुलिस के खिलाफ जांच शुरू
उपजिलाधिकारी ने नाजिम को बताया कि यह मामला हास्यपद है। यासीन ने बताया कि एसडीएम ने रिपोर्ट दाखिल करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है।
यासीन ने बताया कि सिपाही भगवान सिंह और उसके साथी ने मुझ से पैसा मांगा था। जब मैंने मना कर दिया तो उसने झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी।
मुरादाबाद के डीआईजी गुलाब सिंह ने कहा कि यह मामला मेरी जानकारी में आ गया है। यह बात सही है कि पुलिसकर्मियों ने जानबूझकर दुधमुंहे बच्चे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
डीआईजी ने बताया कि ठाकुरद्वारा के एसएचओ, क्षेत्रीय प्रभारी एसआई और थाने के सिपाही के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल तो उपचुनाव के कारण आचार संहिता के लागू होने से पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
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