सेवा में,              16 मार्च,  2015 
श्रीमान अध्यक्ष महोदय, 
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली |
विषय : उत्तर प्रदेश के  आज़मगढ़ जिले की 8 वर्षीय बच्ची का अपहरण करके बलात्कार करने के बाद बच्ची की लाश दो  हिस्सों में काटकर उसका प्राईवेट पार्ट गायब करने के बाद पुलिस द्वारा जाँच में  हीला हवाली करने व आरोपियों के बचाव करने के सन्दर्भ में |
महोदय,
     आपको यह अवगत कराना चाहता हूँ कि उत्तर प्रदेश के जिला आजमगढ़ के  ग्राम कैथी शंकरपुर (मन्गटा), पोस्ट लालगंज, थाना देवगांव की कक्षा 3 में पढ़ने  वाली 8 वर्षीय छात्रा सोनल पुत्री शिवाश्रय का कुछ अज्ञात लोगो द्वारा होली के  दिन 6 मार्च, 2015 को शाम 5 बजे घर के पास से ही अपहरण कर लिया गया | जिसके बाद जब  बच्ची काफी देर तक नजर नहीं आयी तब घर वाले परेशान होकर ढूढने लगे गाँव वाले मिलकर  पूरा गाँव व आस पास का क्षेत्र ढूंढ लिए लेकिन बच्ची कही नहीं मिली | तब गाँव के  ही एक बच्चे ने बताया की सोनाली का मुह बंद करके उसे ले जाते हुए देखा था उसका बाल  लम्बा-लंबा था और उसने हुलिया बताया जिसके आधार पर उन लोगो ने शक के आधार पर गाँव  के ही रहने वाले धीरज उर्फ़ सतीश के खिलाफ 7 मार्च, 2015 को सुबह थाने में तहरीर  दिया | जिसके बाद गाँव वालो के दबाव के बाद पुलिस ने धीरज को पकड़कर पूछताछ की  लेकिन गाँव के प्रधान के प्रभाव में आकर पुलिस ने धीरज को छोड़ दिया जिसके बाद  ग्राम प्रधान ने धीरज के बाल बिलकुल छोटे छोटे कटवाकर उसे घर ले आये | 
     पुलिस के इस हीला हवाली और जाँच सही ढंग से न किये जाने के  बाद  गाँववालो ने 8 मार्च, 2015 को तहसील  का घेराव किया जिसके बाद पुलिस ने धीरज उर्फ़ सतीश के खिलाफ नामजद मुकदमा पंजीकृत  किया साथ ही पुलिस ने कहा की 24 घंटे के अन्दर बच्ची ज़िंदा या मुर्दा बरामद करली  जायेगी | 
इसके बाद उसी रात  कुछ पुलिस वाले सतीश की पहचान की एक महिला उर्मिला के साथ गाँव में आये और गाँव के  लोगो से कहा कि शाम 6 बजे के बाद कोइ भी तालाब की तरफ जाएगा तो उसे गिरफ्तार कर  लिया जाएगा | जिसके बाद 9 मार्च, 2015 को सुबह उसी तालाब के पास गाँव वालो ने  सोनाली की कटी हुई लाश देखी | जिसका कमर के नीचे का हिस्सा काटकर गायब कर दिया गया  था और पैर अलग कटे मिले | लेकिन सबसे ताज्जुब की बात यह रही की वहाँ कही भी खून के  निशान नहीं मिले और जब बच्ची के गायब होने के बाद गाँव वालो ने वहाँ पर खोज बीन  किया था तब वहाँ पर बच्ची की लाश नहीं मिली थी | तब यह प्रश्न उठता है की आरोपी तो  गिरफ्तार था तब बच्ची की लाश वहाँ किसने और कब फेकी | 
बच्ची की लाश मिलाने  के बाद धीरज के बताये अनुसार ही गाँव के गुलशन और कुहेश को भी पूछ ताछ के लिए थाने  लाई लेकिन पुलिस ने बाद में उन्हें छोड़ दिया और यह बताया कि धीरज ने सारा आरोप  अपने ऊपर ले लिया है की उसी ने बच्ची के साथ बलात्कार किया था और उसे गला दबाकर  मार दिया | लेकिन लाश के आस पास कोइ भी खून के धब्बे या विरोध करने जैसे कोइ भी  निशान नहीं मिले है | 
लेकिन बच्ची की लाश  देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि घटना को वहाँ अंजाम नहीं दिया गया था बल्कि कही और  अंजाम देकर लाश को वहाँ फेका गया था | इसके अलावा जब लाश मिलने के बाद धीरज के  बताये अनुसार ही गाँव के गुलशन और कुहेश को पुलिस ने किस आधार पर उठाया और फिर छोड़  दिया यह भी पुलिस की संदिग्ध कार्यशैली की ओर इशारा कर रहा है | जबकि पुलिस यह  दावा कर रही है कि धीरज ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है तब गुलशन और कुहेश को पुलिस  ने किस आधार पर उठाया और छोड़ दिया | साथ ही पुलिस बच्ची के परिजनों को पोस्टमार्टम  रिपोर्ट भी नहीं दे रही है |
अतः आपसे निवेदन है  की कृपया आप इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए इस केस में किसी निष्पक्ष  एजेंसी से जाँच करने की कृपा करे जिससे कि 8 वर्षीय बच्ची के ह्त्या की सही वजह और  अन्य आरोपी के खिलाफ कार्यवाही हो सके और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी  कार्यवाही हो सके साथ ही इसमें धारा 302 और पाक्सो के अन्तर्गत भी मामला पंजीकृत  हो | साथ ही मृतका के परिजनों को मुआवजा दिलाया जाय | 
संलग्नक :
1.     बच्ची ली अधकटी लाश की फोटो |
2.     FIR की छाया प्रति |
3.     अखबार की खबर |
4.     शवदाह का प्रमाण पत्र | 
भवदीय 
डा0 लेनिन  रघुवंशी   
महासचिव 
मानवाधिकार  जननिगरानी समिति,
सा 4/2 ए दौलतपुर,  वाराणसी 
+91-9935599333       





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