---------- Forwarded message ----------
From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2011/11/16
Subject: झारखण्ड के जनपद कोडरमा के डोमचंच प्रखण्ड मे अतिगम्भीर बिमारी के कारण हो रहे मौत के सन्दर्भ मे !
To: Anil Kumar Parashar <jrlawnhrc@hub.nic.in>, akpnhrc@yahoo.com
Cc: pvchr.india@gmail.com
From: Detention Watch <pvchr.adv@gmail.com>
Date: 2011/11/16
Subject: झारखण्ड के जनपद कोडरमा के डोमचंच प्रखण्ड मे अतिगम्भीर बिमारी के कारण हो रहे मौत के सन्दर्भ मे !
To: Anil Kumar Parashar <jrlawnhrc@hub.nic.in>, akpnhrc@yahoo.com
Cc: pvchr.india@gmail.com
सेवा मे, 16 नवम्बर, 2011
अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवअधिकार आयोग,
नई दिल्ली,भारत !
विषय :- झारखण्ड के जनपद कोडरमा के डोमचंच प्रखण्ड मे अतिगम्भीर बिमारी के कारण हो रहे मौत के सन्दर्भ मे !
महोदय,
हम आपका ध्यान झारखण्ड के जनपद कोडरमा के डोमचंच प्रखण्ड मे करमीकुंड गांव की ओर आकृष्ट कराना चाहुगा, जहा अज्ञात बिमारी के कारण बच्चो के साथ पूरा परिवार को ही मौत के मुह के निवाला बन जा रहे है ! यहा का उप स्वास्थय केन्द्र करीब एक साल से बन्द है और ए0एन0अम0 (ANM) और अन्य मनोनित स्वास्थयकर्मी कभी भी क्षेत्र को अपनी जिम्मेदारी के तहत झांकने गये, जब मौत का मामला प्रकाश मे आया तब यहा मेडिकल कैम्प लगाया जा रहा है ! please find the attached files,
हम आपका ध्यान झारखण्ड के जनपद कोडरमा के डोमचंच प्रखण्ड मे करमीकुंड गांव की ओर आकृष्ट कराना चाहुगा, जहा अज्ञात बिमारी के कारण बच्चो के साथ पूरा परिवार को ही मौत के मुह के निवाला बन जा रहे है ! यहा का उप स्वास्थय केन्द्र करीब एक साल से बन्द है और ए0एन0अम0 (ANM) और अन्य मनोनित स्वास्थयकर्मी कभी भी क्षेत्र को अपनी जिम्मेदारी के तहत झांकने गये, जब मौत का मामला प्रकाश मे आया तब यहा मेडिकल कैम्प लगाया जा रहा है ! please find the attached files,
इस मामला के साथ अन्य गम्भीर मामले भी प्रकाश मे आयी है वे निम्न है :-
1) पूरे क्षेत्र मे स्कूलो की स्थिति अति दयनीय है, जैसे - बच्चे खुले आसमान मे पढ्ने को मजबूर, शिक्षक नदारत, बडे. तदाद मे कुपोषित बच्चे के साथ बाल श्रमिक का पुंर्वासन नही हो पाया है.
2) वही 10 वर्ष से ऊपर अलग राज्य बनने के बाद भी कई क्षेत्र ढिबरी युग मे जिन्दगी जी रहे है !
वही बिहार के गया जनपद मे आखरी 6 माह मे इन बिमारी से लगभग 82 बच्चे मर चुके है ! फिर भी सम्बन्धित विभाग चेता नही !
अत: महोदय से निवेदन है कि स्वत संज्ञान मे लेते हुये उक्त मामला मे आदेश / निर्देश देने की कृपा करे, ताकि मामला लम्बी प्रक्रिया का शिकार न हो जाए, पीडितो के साथ न्याय हो !
डा0 लेनिन
(महा सचिव)
मानवाधिकार जन निगरानि समिति
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