Tuesday, June 9, 2020

शाजापुर में अस्पताल का बिल नहीं चुकाने पर मरीज को रस्सी से बेड पर बांधने का मामला


From: PVCHR Communication <cfr.pvchr@gmail.com>
Date: Sun, Jun 7, 2020 at 2:14 PM
Subject: शाजापुर में अस्पताल का बिल नहीं चुकाने पर मरीज को रस्सी से बेड पर बांधने का मामला
To: cr.nhrc <cr.nhrc@nic.in>, NHRC <ionhrc@nic.in>, covdnhrc <covdnhrc@nic.in>
Cc: lenin <lenin@pvchr.asia>


To, 
The Chairperson 
National Human Rights Commission 
New Delhi

Respected Sir, 

I want to bring in your kind attention towards the news published in Nai Dunia on 7 June, 2020 regarding शाजापुर में अस्पताल का बिल नहीं चुकाने पर मरीज को रस्सी से बेड पर बांधने का मामला  https://www.naidunia.com/madhya-pradesh/shajapur-shajapur-hospital-case-of-patients-being-tied-to-bed-with-a-rope-after-not-paying-hospital-bill-5602442?utm_source=JagranFacebook&utm_medium=Social&utm_campaign=ND_State


Thanking You

Sincerely Yours


Lenin Raghuvanshi
Convenor 
People's Vigilance Committee on Human Rights

शाजापुर में अस्पताल का बिल नहीं चुकाने पर मरीज को रस्सी से बेड पर बांधने का मामला

Updated: | Sun, 07 Jun 2020 09:49 AM (IST)
शाजापुर में अस्पताल का बिल नहीं चुकाने पर मरीज को रस्सी से बेड पर बांधने का मामलाShajapur Hospital : अस्पताल संचालक ने कहा, बीमारी से बचकर भाग रहा था, मरीज की बेटी बोली हमने पुलिस से की है शिकायत।

Shajapur Hospital : शाजापुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर के एक निजी अस्पताल में उपचार का बिल नहीं चुकाने पर मरीज को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा है कि वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार का मामला सामने आया है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामला सामने आने के बाद पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भी सक्रिय हुआ। देर शाम एसडीएम साहेब लाल सोलंकी स्वास्थ्य टीम के साथ अस्पताल पहुंचे और बयान लिए। जांच के बाद कार्रवाई की बात अधिकारी कह रहे हैं।

राजगढ़ जिले के रनारा गांव के निवासी लक्ष्मीनारायण दांगी को पेट में तकलीफ होने पर शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां शनिवार को परिजन उन्हें घर ले जाना चाह रहे थे, किंतु बिल नहीं चुकाने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें रोक लिया। मरीज की बेटी सीमा दांगी ने आरोप लगाए कि उनके पास रुपए नहीं थे, इसलिए मरीज को ले जा रहे थे। अस्पताल के स्टाफ ने उन्हें रोक लिया और उनके पिता के पलंग से हाथ-पैर बांध दिए। दो दिन वे इसी हाल में रहे। शुक्रवार देर रात मीडिया को मामले की जानकारी लगी।

मीडियाकर्मी मौके पर पहुंचे और पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जानकारी लेने के बाद मरीज को घर जाने दिया। शनिवार को मामले ने तूल पकड़ा और सीएम ने अस्पताल पर कड़ी कार्रवाई कि ए जाने को लेकर ट्वीट कि या। इसके बाद पुलिस और प्रशासन सक्रिय हुआ। अस्पताल में जांच के लिए पहुंचे एसडीएम साहेब लाल सोलंकी ने कहा कि मामले में जांच की जा रही है। वह इसकी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेंगे।

बेटी ने सुनाई पीड़ा

मरीज लक्ष्मी नारायण की बेटी सीमा का कहना है कि पेट में तकलीफ होने पर पिता को भर्ती किया था। उपचार से आराम भी हुआ। दो बार हमने यहां रुपए जमा कि ए। रुपए खत्म होने पर हमने छुट्टी करने को कहा तो अस्पताल वाले 11 हजार रुपए मांगने लगे। हम जाने लगे तो रोक लिया और पिता के हाथ-पैर पलंग से बांध दिए। अस्पताल में ही मौजूद एक अन्य व्यक्ति ने भी इस बात की पुष्टि की। राधेश्याम नामक व्यक्ति ने बताया कि पैसे का कोई चक्कर था, इसलिए मरीज को बांध रखा है। दो दिन से खाने को भी कुछ नहीं दिया, सिर्फ पानी पिलाया है। उन्होंने उसे भोजन कराने की कोशिश की किंतु हाथ-पैर बंधे होने के कारण मदद नहीं कर सके ।

संचालक बोले- तकलीफ के कारण भाग रहा था, इसलिए बांधा

अस्पताल के संचालक डॉ. वरुण बजाज ने बताया कि मरीज को आंत की रुकावट थी। वह फ्रेश नहीं हो पा रहा था, इसलिए उसकी नाक से नली डाली गई थी। ऐसे में मरीज को तकलीफ होती है, जिससे उसकी मानसिक स्थिति गड़बड़ा जाती है। इससे वह अजीब हरकतें करने के साथ उठकर भागने लगता है। इस कारण उसे रोकने के लिए बांधा गया था। बिल की राशि के लिए मरीज को बांधने के आरोप गलत हैं। मरीज की बेटी का कहना था कि हम बिल नहीं देंगे। इसे लेकर हमने लिखित में पुलिस को शिकायत भी की थी।

शासन स्तर से मांगी जानकारी

मामले की जानकारी मुख्यमंत्री तक पहुंचने और उनके द्वारा सख्त कार्रवाई के निर्देश देने के बाद भोपाल से लेकर शाजापुर तक के अधिकारी सक्रिय हो गए। दोपहर तक जिस मामले को लेकर कोई गंभीरता नहीं थी, उसी मामले में देर शाम आनन-फानन में जांच शुरू की गई। पुलिस, प्रशासन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम भी अस्पताल पहुंची। एसडीएम के निर्देशन में जांच शुरू हुई। कलेक्टर भी एसडीएम की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे थे। अस्पताल में समय लगने से कलेक्ट्रोरेट का कर्मचारी भी अस्पताल पहुंचा और जानकारी ली।

जांच के बाद कार्रवाई

अस्पताल द्वारा मरीज को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। एसडीएम व स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच कर रही है। रिपोर्ट मिलते ही नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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