Tuesday, January 3, 2012

महाराष्ट्रा के ठाणे जिले मे आदिवासियो की बन्धुआ मजदुरी मे हो रही मौते एवम शोषण के सम्बन्ध में।



---------- Forwarded message ----------
From: PVCHR MINORITY <minority.pvchr@gmail.com>
Date: 2012/1/3
Subject: महाराष्ट्रा के ठाणे जिले मे आदिवासियो की बन्धुआ मजदुरी मे हो रही मौते एवम शोषण के सम्बन्ध में।
To: jrlawnhrc@hub.nic.in
Cc: akpnhrc@yahoo.com


सेवा मे,                                       3 जनवरी 2012

      अध्यक्ष,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

   नई दिल्ली

विषय:- महाराष्ट्रा के ठाणे जिले मे आदिवासियो की बन्धुआ मजदुरी मे हो रही मौते एवम शोषण के सम्बन्ध में

अभिनन्दन !!!

महोदय,

       मै, आपका ध्यान 1 जनवरी 2012 के नवभारत टाईम्स की खबर " नये साल की रौनक से अछुता आदिवासी वर्ग " पर आकृष्ट करना चाहता हुँ। (अखबार की कतरन संलग्न)

        लेख है कि,  महाराष्ट्रा के ठाणे जिले मे बन्धुआ मजदुर प्रतिबन्धक अधिनियम के लागु होने के दो दशक बाद भी ग्रामीण आदिवासियो को बन्धुआ मजदुर के रूप मे शोषित किया जा रहा है। जिला एवम राज्य प्रशासन द्दारा आदिवासियो के हित मे कारगर उपाय नही कर रही है । 22 नवम्बर 2011 को शाहपुर तालुका के शेरे गांव मे मालिक की पिटाई से आदिवासी मजदुर झुपर्या मुकने की मौत हो गयी ।  घटना के 15 दिन बाद भाईदर के पास बलुआअ गांव के मजदुर रामदास बलवी की पिटाई से मौत हो गयी । दोनो हीए ईट-भट्टे पर काम करते थे  ।

  जिला प्रशासन की लापरवाही व भट्टा मालिको से कथित मिलि भगत की वजह से आदिवासी मजदुरो की मजदुरी तथा शोषण लागातार जारी है । भट्टा मालिक मजदुरो को बन्धक बनाकर रखते है और अगर कोई भागने पर उन्हे मारा-पिटा जाता है ।  मजदुरो के साथ ही उनके परिवार का भी शोषण जारी है ।   

          महोदय, इस सम्बंध में निवेदन/मांग है कि बन्धुआ मजदुरी से सम्बन्धित प्रकरण की स्वतंत्र व उच्च स्तरीय जांच करायी जाय । झुपर्या मुकने तथा रामदास बलवी के परिवार वालो की सुरक्षा एवम मुआवजा दिया जाय,मजदुरो के बच्चो एवम परिवार वालो को मुलभुत सुबिधाये दी जाय। कृपया, अतिशीध्र आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करे जिससे आदिवासी मजदुरो को न्याय मिल सके ।  

 

डा लेनिन

(महा सचिव)

मानवाधिकार जन निगरानि समिति

एस.ए. 4 /2 ए,दौलतपुर,वाराणसी

  मोबा.न0:+91-9935599333

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