Date: Mon, Aug 17, 2020 at 10:54 AM
Subject: जेल बैरक के शौचालय में लटकता मिला कैदी का शव
To: cr.nhrc <cr.nhrc@nic.in>, covdnhrc <covdnhrc@nic.in>, NHRC <ionhrc@nic.in>
Cc: lenin <lenin@pvchr.asia>
To,
The Chairperson
National Human Rights Commission
New Delhi
Respected Sir,
I want to bring in your kind attention towards the news published in Dainik Jagran on 17 August, 2020 regarding जेल बैरक के शौचालय में लटकता मिला कैदी का शव https://www.jagran.com/uttar-pradesh/ambedkarnagar-prisoner-dead-body-found-hanging-in-jail-barrock-toilet-20633159.html
Therefore it is kind request
- To conduct an inquiry in this incident of Custodial death under section 176(1)A Cr.PC by a Judicial Magistrate
- To provide compensation to the victim's family.
- To ensure Videography of the Post-Mortem Report of the victim & the same is informed to NHRC.
- To direct authorities for providing expert counselling and mental health treatment to the inmates in jail.
Thanking You
Sincerely Yours
Lenin Raghuvanshi
Convenor
जेल बैरक के शौचालय में लटकता मिला कैदी का शव
अंबेडकरनगर : अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र के मरैला स्थित जिला कारागार में निरुद्ध एक कैदी ने शनिवार दोपहर बैरक के बाहर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद जेल में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मेडिकल टीम के साथ उच्च अधिकारी के मौके पर पहुंचने के बाद शव को उतारकर पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। जेलर रमाकांत दोहरे ने बताया प्रतिदिन की भांति सुबह आठ बजे सभी कैदियों को बैरक से खाना खाने के लिए निकाला गया था। दोपहर 12 बजे जब सभी कैदियों को दोबारा जेल में निरुद्ध किया जाने लगा तो एक कैदी कम मिला। जेलर के साथ बैरक में तैनात प्रहरियों द्वारा खोजने पर बैरक के बाहर बने शौचालय की पाइप से एक कैदी का शव लटका मिला। इसकी सूचना तत्काल उच्चाधिकारियों को दी गई। मृतक कैदी की पहचान जलालपुर थाना के डड़वा निवासी राजन चौहान के रूप में हुई है। जो 12 अगस्त को किशोरी के अपहरण, दुष्कर्म व पास्को एक्ट के मामले में जेल में निरुद्ध था। बताया जा रहा है कि जब से वह जेल में आया है अवसाद में था।
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-पहले भी हुई लापरवाही : जेल प्रशासन की इस प्रकार की लापरवाही कोई नई नहीं है। इससे पहले भी गत जुलाई माह में कैदियों द्वारा तोड़फोड़ करने के बाद जेल की छत पर चढ़कर कैदियों ने पथराव किया था। जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र और पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी द्वारा कैदियों को समझाने के बाद मामला शांत हुआ था जिसमें कई कैदियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।
Posted By: Jagran
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