Date: Fri, Jul 31, 2020 at 10:32 AM
Subject: यूपी: दरोगा ने तोड़ा हाथ फिर कहा, पिटाई से बचना है तो कबूल लो मर्डर, आपबीती सुना फफक कर रोया भाई
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यूपी: दरोगा ने तोड़ा हाथ फिर कहा, पिटाई से बचना है तो कबूल लो मर्डर, आपबीती सुना फफक कर रोया भाई
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर देहात, Updated Thu, 30 Jul 2020 12:31 PM IST
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ब्रजेश हत्याकांड- फोटो : amar ujala
कानपुर देहात अपहरण कांड में असल गुनहगार पकड़ने के बजाय पुलिस ने अपहरण होने की जानकारी पर कानपुर से पहुंचे ब्रजेश के मौसेरे और फुफेरे भाई पर खूब जुर्म ढाया। दोनों को पकड़कर पुलिस ने जमकर पीटा और कहा कि कबूल करो कि ब्रजेश की हत्या तुम्हीं लोगों ने की है। वर्ना पिटाई चलती रहेगी।
पुलिसिया जुल्म की दास्तां बुधवार को अकबरपुर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे ब्रजेश के मौसेरे भाई अखिलेश ने रोते हुए बयां की। चौकी इंचार्ज की पिटाई से उसके सिर व कान मेें भी चोट आई, लेकिन खाकी का दिल नहीं पसीजा। उसने बताया कि चौकी प्रभारी ने बृजेश के फुफेरे भाई का हाथ तोड़ दिया था। ब्रजेश के लापता होने से लेकर शव बरामद होने तक पुलिस की जांच का दायरा सिर्फ परिजनों तक ही सीमित रहा|
ब्रजेश के लापता होने की जानकारी पर उसके परिजन घर पहुंच गए तो पुलिस ने उन्हीं को निशाना बनाना शुरू कर दिया। कानपुर नगर के बिधनू थाना क्षेत्र के भूमिहर गांव निवासी मौसेरे भाई अखिलेश ने बताया कि ब्रजेश के लापता होने की जानकारी पर 17 जुलाई को चौरा गांव पहुंचा था। दूसरे दिन चौकी इंचार्ज उसे व ब्रजेश के फुफेरे भाई मुकेश को थाने ले गए। वहां उन दोनों को तीन दिनों तक रखा गया।
इस दौरान पुलिस लगातार पीटती रही। उनसे कहा जाता था कि कबूल करो की तुम्ही लोगों ने मर्डर किया है। पुलिस उनसे शव छिपाने की जगह पूछती रहती थी। आरोप लगाया कि चौकी इंचार्ज ने मुकेश के हाथ पर पैर रखकर मोड़ दिया था। इससे उसका हाथ टूट गया। मारपीट के बाद भी जब पुलिस को कुछ भी हासिल न हुआ तो तीन दिन बाद दोनों को 21 जुलाई को छोड़ा गया। इसके बाद मुकेश ने अस्पताल जाकर टूटे हाथ का प्लास्टर कराया। अखिलेश के सिर व कान में चोट के अभी तक निशान हैं।
पिता के बुढ़ापे की लाठी बनना चाहता था ब्रजेश
मृतक ब्रजेश धर्मकांटा में नौकरी करने के साथ ही बी-फार्मा की पढ़ाई भी कर रहा था। पिता शिवनाथ ने बताया कि बड़ा बेटा राजेश कानपुर में मेडिकल स्टोर किए है। उनके गैस टैंकर ड्राइवर होने के कारण छोटा बेटा ब्रजेश धर्मकांटा में नौकरी कर घर का खर्च चला रहा था। माली हालत ठीक न होने के कारण वह प्राइवेट नौकरी के साथ-साथ भोगनीपुर स्थित एचसीएचएस फार्मेसी कालेज से बी-फार्मा की पढ़ाई कर रहा था। पहले सेमेस्टर की परीक्षा कोरोना के कारण टल गई थी। उन्होंने रोते हुए कहा कि कई बार ब्रजेश कहा करता था कि पढ़ाई पूरी करने के बाद वह सरकारी नौकरी करेगा।
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