Date: Tue, Aug 4, 2020 at 11:11 AM
Subject: सनकी थाना इन्चार्ज बोला मै ब्राह्मणों और ठाकुरो को ठीक करने को पुलिस मे आया, रिटायर फौजी को बेरहमी से मारा
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Lenin Raghuvanshi
Convenor
Peoples' Vigilance Committee on Human Rights
सनकी थाना इन्चार्ज बोला मै ब्राह्मणों और ठाकुरो को ठीक करने को पुलिस मे आया, रिटायर फौजी को बेरहमी से मारा….
(गाजीपुर) : नगसर पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। बीते 26 जुलाई को मनबढ़ युवक को पुलिस अभिरक्षा से भगाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए एक ही परिवार के आर्मी में हवलदार सहित नौ लोगों को पुलिस ने कितनी बेरहमी से मारा है इसकी गवाही शरीर पर पड़े जख्मों के निशान खुद दे रहे हैं।
परिजनों ने नगसर थानाध्यक्ष सहित पुलिस कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच व कारवाई की मांग की है। मुख्यमंत्री व पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा है। वहीं शुक्रवार की सुबह दीपेश पांडेय के घर जाकर भाजपा काशी प्रांत के कार्यसमिति सदस्य बालकृष्ण त्रिवेदी ने घटना के बारे में जानकारी लेकर परिजनों को नगसर थानाध्यक्ष सहित घटना में शामिल पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कारवाई करने का आश्वासन दिया।
नूरपुर निवासी दीपेश पांडेय का आरोप है कि बीते 26 जुलाई की शाम अपने पट्टीदार सेवानिवृत्त आर्मी के हवलदार सुशील पांडेय, जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में तैनात आर्मी के हवलदार कमल कुमार पांडेय, अविनाश पांडेय, निर्भय कुमार पांडेय, इंद्रजीत पांडेय, विशाल पांडेय, भूपेंद्र व विक्की पांडेय के साथ बैठकर 27 जुलाई को बड़ी मां के होने वाले ब्रह्मभोज कार्यकम की तैयारी के बारे में वार्ता कर रहे थे। उसी समय नगसर हाल्ट थाना के थानाध्यक्ष रमेश कुमार पुलिसकर्मी कमलेश, सूरज बिद, विनोद यादव, रामकृष्ण व उपनिरीक्षक कृष्णानंद के साथ सादे वेश में पहुंचे। गाली-गलौज करते हुए कहे कि तुम लोगों के यहां मुलजिम राजन उर्फ झनकू पांडेय के छिपे होने की जानकारी मिली है। इसके बाद पुलिसकर्मी घर में घुसकर सभी को दौड़ा-दौड़ा कर पीटना शुरू किया। तेरही का सामान नष्ट कर चूल्हा तोड़ दिए। जिससे कुल 50 हजार रुपये का नुकसान हुआ।
चीखने-चिल्लाने पर गांव वाले भी एकत्र हो गए। पुलिस वालों ने प्रार्थी व उसके आठ पट्टीदारों को मारते हुए जीप में बैठा दिए। थाने में भी सभी को मारा पीटा गया। उनका कहना है कि राजन उर्फ झनकू पांडेय के बारे कोई जानकारी नहीं है और न ही उसको भगाने में कोई सहयोग किया गया है। इसके बावजूद पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ मुलजिम छुड़ाने व पुलिस के साथ मारपीट करने का मुकदमा लिखकर जेल भेज दिया।
फौजी ने बताई पुलिसिया
बर्बरता की कहानी
पुलिस के मारपीट में घायल आर्मी से हवलदार पद से रिटायर अजय पांडेय (55) व सुशील पांडेय (42) ने बताया कि पुलिस कर्मियों द्वारा थाना में ले जाकर उन्हें जमीन पर लेटा कर पट्टे व डंडे में लगे नुकीले कील से जंघा व कमर के नीचे मारा गया। जिससे वहां खून जम जाने से काला पड़ गया है।
वहीं आर्मी में हवलदार के पद पर तैनात कमल पांडेय (44) ने बताया कि उन्हें भी कमर के नीचे पुलिस कर्मियों द्वारा पकड़कर बेरहमी से मारा गया। अविनाश पांडेय (34) ने भी बताया कि मुझे भी डंडे में लगे नुकीले कील से पैर में मारा गया जिससे पैर में अभी भी जख्म के निशान हैं। इसके अलावा अन्य पांच लोगों ने भी बताया कि उन्हें भी पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से मारपीट कर शरीर पर कई जगह जख्म दिए हैं।
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