---------- Forwarded message ----------
From: PVCHR ED <pvchr.india@gmail.com>
Date: 2011/7/31
Subject: हिरासत में मौत: जांच में मिले अहम सुराग
To: akpnhrc@yahoo.com, jrlawnhrc@hub.nic.in
Sir this is a serious case of human rights violation. On behalf of PVCHR, I request you to ask the state government for instituting a judicial inquiry under Crpc 176(1A). NHRC should also find out whether the videography of the postmortem and the report has been submitted or not. PVCHR demands that the victims family must be provided with financial compensation immediately.
With regards,
From: PVCHR ED <pvchr.india@gmail.com>
Date: 2011/7/31
Subject: हिरासत में मौत: जांच में मिले अहम सुराग
To: akpnhrc@yahoo.com, jrlawnhrc@hub.nic.in
To,
Chairperson
National Human Rights Commission
New Delhi
Dear Sir,
I want to bring in your kind attention towards the news published
हिरासत में मौत: जांच में मिले अहम सुराग
Jul 30, 01:14 am
बताएं DAINIK JAGRAN
ग्वालियर, निज संवाददाता।
जीआरपी थाने में हुई युवक सुनील की मौत के मामले की जांच में कई अहम सुराग मिले हैं। इसके अलावा जीआरपी पुलिस ने अब इस मामले में सहयोग करने वाले सात सिपाहियों को भी लाइन अटैच कर दिया है।
...पूरे मामले की जांच भोपाल से आई जीआरपी की डीएसपी इमरिन शाह ने की। इस दौरान सबसे अहम सुराग वह बक्सा बना है, जिसमें सुनील का शव चंबल नदी तक ले जाया गया था। यह बक्सा लकड़ी का है और जीआरपी थाने में रखा हुआ मिला। इस बक्से में सुनील के शव को रखकर कीलों से बंद किया गया था। इसी के चलते यह बक्सा टूट गया। यह टूटा बक्सा रिकार्ड में लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक जीआरपी के सिपाही महेन्द्र सिंह बुंदेला ने ही बक्से में कीलें ठोंकी थीं। बुंदेला के हाथ में इस प्रकार के निशान फोरेसिंक जांच में मिले हैं। इसके अलावा जेल में बंद दो कैदियों, दिनेश गुप्ता व पप्पू राठौर सुनील के साथ मारपीट करने की पुष्टि पहले ही कर चुके हैं। इन्हीं सब के चलते जीआरपी के आईजी आरके गर्ग ने राजधानी पहुंचते ही ग्वालियर स्टेशन के जीआरपी थाने में पदस्थ सात सिपाहियों, महेन्द्र सिंह बुंदेला, राकेश शर्मा, रवि सेन, दिवाकर, मनोज, धर्मेन्द्र व योगेश को लाइन अटैच कर दिया है। इस मामले में पहले ही इंस्पेक्टर आरएस चौहान को लाइन में भेजा चुका है। सूत्रों के मुताबिक एक दिन पहले पूरे मामले की एफआईआर दर्ज करने की तैयारी हो गयी थी, लेकिन चौहान ने अपने राजनीतिक संपर्को का इस्तेमाल किया और एफआईआर को रुकवा दिया।
Jul 30, 01:14 am
बताएं DAINIK JAGRAN
ग्वालियर, निज संवाददाता।
जीआरपी थाने में हुई युवक सुनील की मौत के मामले की जांच में कई अहम सुराग मिले हैं। इसके अलावा जीआरपी पुलिस ने अब इस मामले में सहयोग करने वाले सात सिपाहियों को भी लाइन अटैच कर दिया है।
...पूरे मामले की जांच भोपाल से आई जीआरपी की डीएसपी इमरिन शाह ने की। इस दौरान सबसे अहम सुराग वह बक्सा बना है, जिसमें सुनील का शव चंबल नदी तक ले जाया गया था। यह बक्सा लकड़ी का है और जीआरपी थाने में रखा हुआ मिला। इस बक्से में सुनील के शव को रखकर कीलों से बंद किया गया था। इसी के चलते यह बक्सा टूट गया। यह टूटा बक्सा रिकार्ड में लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक जीआरपी के सिपाही महेन्द्र सिंह बुंदेला ने ही बक्से में कीलें ठोंकी थीं। बुंदेला के हाथ में इस प्रकार के निशान फोरेसिंक जांच में मिले हैं। इसके अलावा जेल में बंद दो कैदियों, दिनेश गुप्ता व पप्पू राठौर सुनील के साथ मारपीट करने की पुष्टि पहले ही कर चुके हैं। इन्हीं सब के चलते जीआरपी के आईजी आरके गर्ग ने राजधानी पहुंचते ही ग्वालियर स्टेशन के जीआरपी थाने में पदस्थ सात सिपाहियों, महेन्द्र सिंह बुंदेला, राकेश शर्मा, रवि सेन, दिवाकर, मनोज, धर्मेन्द्र व योगेश को लाइन अटैच कर दिया है। इस मामले में पहले ही इंस्पेक्टर आरएस चौहान को लाइन में भेजा चुका है। सूत्रों के मुताबिक एक दिन पहले पूरे मामले की एफआईआर दर्ज करने की तैयारी हो गयी थी, लेकिन चौहान ने अपने राजनीतिक संपर्को का इस्तेमाल किया और एफआईआर को रुकवा दिया।
Sir this is a serious case of human rights violation. On behalf of PVCHR, I request you to ask the state government for instituting a judicial inquiry under Crpc 176(1A). NHRC should also find out whether the videography of the postmortem and the report has been submitted or not. PVCHR demands that the victims family must be provided with financial compensation immediately.
With regards,
Lenin Raghuvanshi
Secretary General
PVCHR/JMN
SA 4/2 A Daulatpur, Varanasi
PIN - 221002
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