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NHRC
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जिले में मरनेगा की स्थिति ठीक नहीं : मरांडी
Jul 09, 01:12 am
बताएं DAINIK JAGRAN
कोडरमा, संवाददाता : जिले में केंद्र प्रायोजित ग्रामीण विकास की योजनाओं का बुरा हाल है। पिछले वित्तीय वर्ष की सैकड़ों योजनाएं लंबित पड़ी है। पीएमजीएसवाई की रफ्तार जहां थम गई है, वहीं मनरेगा की स्थिति और भी खराब है। शुक्रवार को सांसद बाबूलाल मरांडी ने जिला अनुश्रवण व निगरानी की बैठक में उक्त बातें कही। बैठक के बाद मरांडी ने कहा कि मनरेगा में भ्रष्टाचार चरम पर है। 40 से 50 फीसदी राशि का बंदरबांट हो रहा है। मजदूरों का जाब कार्ड बिचौलिये व रोजगार सेवक के पास होता है। यही वजह है कि यह योजना सुपर फ्लॉप है। उन्होंने कहा कि कोडरमा में सैकड़ों योजनाएं लंबित पड़ी हैं। जिले के पदाधिकारी का तर्क है कि फंड समय पर नहीं मिल पाया, इसलिए सैकड़ों योजनाएं लंबित हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा को लेकर वे केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से बात करेंगे। आखिर जिला को समय पर राशि क्यों नहीं मिली। जिलास्तर से भी खामियां हो सकती है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की बदहाल स्थिति पर श्री मरांडी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सड़क योजना की स्थिति ठीक नहीं है। कोडरमा में इस योजना के आठवें फेज में मात्र दो सड़क ली गई है, जो पूरी नहीं हुई है। पूर्व में ली गई सड़कें भी अधर में है।
इंदिरा आवास, पेयजल योजना भी बेहतर नहीं है। जिला प्रशासन को कार्रवाई के लिए कहा गया है। बैठक में बरही विधायक उमाशंकर अकेला, बरकट्ठा विधायक अमित कुमार यादव, डीसी शिवशंकर तिवारी, एसपी क्रांति कुमार, डीएफओ केके त्रिपाठी, एसी उदय प्रताप सिंह, जिला बोर्ड के अध्यक्ष महेश राय, चंदवारा प्रखंड प्रमुख महेंद्र यादव, कोडरमा प्रमुख राजकुमार यादव, डोमचांच प्रमुख शालिनी गुप्ता, सांसद प्रतिनिधि अनवारूल हक आदि उपस्थित थे।
जिला प्रशासन फेल है : अकेला
कोडरमा : बरही विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि अनुश्रवण समिति की बैठक महज खानापूर्ति हुई। जिले में वर्तमान में चल रही सभी विकास योजनाओं का काम जैसे-तैसे चल रहा है। उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र के लिए आयी आईएपी योजना की राशि से शहरों में तालाब खुदवाया गया है। केंद्र सरकार की आंखों में भी धूल झोंका गया है। जिला प्रशासन की लापरवाही से पारा शिक्षक हटाए गए हैं। पीएमजीएसवाई भी प्रशासन की लापरवाही से बदहाल है। आईएपी में लूट मची है। चोर ही योजना का पहरू और जांचकर्ता बन बैठे हैं।
भूमि संरक्षण की योजना में भारी गड़बड़ी
कोडरमा : भूमि संरक्षण कार्यालय चतरा द्वारा जिला में विभागीय स्तर से चलाई जा रही योजनाओं में लूट मची है। कोडरमा प्रखंड कार्यालय के समीप इस विभाग का कैंप कार्यालय तो है, लेकिन अधिकारी-कर्मी हर तरह सूचनाओं को छिपा कर रखते हैं। जबकि विभाग द्वारा पिछले तीन वर्षो में भारी भरकम राशि जिला में योजनाओं के नाम पर खर्च किया है। शुक्रवार को जिला अनुश्रवण समिति की बैठक में इस विभाग द्वारा चलाए जा रहे कार्यो की जांच का मामला उठाया गया। इस पर अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जांच का आदेश दिया है। बताया जाता है कि पिछले तीन वर्षो में इस कार्यालय द्वारा दर्जनों चेकडैम, तालाब, बांध मरम्मत आदि कार्यो के नाम पर लाखों रुपए बंदरबांट किया गया है। कोडरमा प्रमुख, उपप्रमुख द्वारा क्रियान्वित योजनाओं की सूची मांगी गई तो चतरा के कार्यालय बताकर सूची देने से इंकार दिया।
क्रशर उद्योग पर डीसी, एसपी से मरांडी ने की वार्ता
कोडरमा : जिले में क्रशर उद्योग पर प्रशासन व सरकार के कड़े रुप पर कोडरमा सांसद बाबूलाल मरांडी ने आपत्ति जाहिर की है। श्री मरांडी ने अनुश्रवण समिति की बैठक के उपरांत सर्किट हाउस में डीसी, एसपी को बुलाकर इस मुद्दे पर लंबी वार्ता की। बाद में श्री मरांडी ने कहा कि वर्षो से चली आ रही रोजगार के यह साधन पर अंकुश नहीं लगना चाहिए। लिहाजा डीसी को कहा गया है कि वे सरकार को पत्र लिखकर वैकल्पिक व्यवस्था के लिए विचार करें।
Sir, on behalf of PVCHR, I request you to look into the matter and take necessary action.
With regards,
Dr. Lenin
Secretary General -PVCHR
SA 4/2A, Daulatpur,Varanasi-221002,India
Mobile:+91-9935599333
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