Friday, June 10, 2011

Regional consultation:अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति, अति पिछड़ा जाति, महिलाओं व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर अत्याचार व हमले ऎवम कानून का राज

 
 

26 जून 2011, लखनऊ चलो !                            26 जून 2011, लखनऊ चलो !!

प्रांतीय कंवेंशन

अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति, अति पिछड़ा जाति, महिलाओं व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर अत्याचार व हमले ऎवम कानून का राज

दिनांक :- 26 जून 2011, समय :- 11 बजे दोपहर

स्थान :- रविन्द्रालय, चारबाग, लखनऊ

 

 

मुख्य अतिथि :- माननीय डा0 पी. एल. पुनिया, अध्यक्ष - राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग

विशिष्ट अतिथि :- माननीय रामकुमार, संयोजक-डग

अध्यक्षता :-  माननीय अनिल कुमार पाराशर, ज्वाइंट रजिस्ट्रार व फोकल प्वांटए ह्यूमन राइट्स     डिफेंडरए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

 

मनुष्य का मनुष्य द्वारा यातना, कमजोर के ऊपर मजबूत के द्वारा अपनी इच्छा को लागू करने का आवश्यक माध्यम है ! (सर्वोच्च न्यायालय)

इंसान के होते हुए, इंसान का ये हस्र

देख रहा हूँ, मगर देखा नही जाता

 

   यातना मानवीय गरिमा के खिलाफ संगीन अपराध ऎवम मानवीय कलंक है

         भारतीय कानून मे आई0पी0सी0 की धारा 330331, भारतीय पुलिस अधिनियम की धारा 29 यातना का निषेध करती है ! इसके अलावा माननीय सर्वोच्च न्यायालय व मानवाधिकार आयोग के अनेको फैसले भी यातना के उन्मूलन के पक्ष में है ! फिर भी घरों में बच्चों व महिलाओं का, समाज में मजदूर, दलित, कमजोरो का,  जेल - पुलिस हिरासत सुधारगृहों में यातना अवैध रूप से जारी है ! कौटिल्य के अर्थशास्त्र व मनुस्मृति में भी यातना का विधान मिलता है ! जो अनेको स्वरूप में आज भी समाज में उपस्थित है !

          सन्युक्त राष्ट्र महासभा ने 10 दिसम्बर 1984 को "यातना विरोधी समक्षौता" पारित किया, जो 26 जून 1987 को लागू हुआ ! इसीलिए हम प्रतिवर्ष 26 जून को 'यातना विरोधी दिवस' के रूप में मनाते है ! मानवाधिकार सार्वभौमिक घोषणा के अनुच्छेद 5 के अनुसार किसी को भी यातना या अत्याचार, अमानवीय व्यवहार या सजा का निषेध है ! सर्वोच्च न्यायालय के खड.क सिंह बनाम उ0प्र0 राज्य मामले (ए. आई. आर. 1963 एस. सी. 1295) में कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को संविधान के अंतर्गत जीने का अधिकार है, लेकिन जीने से अभिप्राय पशुवता जीने से नही है, अपितु सम्मान पूर्वक जीने से ! इन सबके बावजूद व्यवस्थाजन्य उदासीनता व इच्छा शक्ति के कमी के कारण बंधुआ मजदूरी, बाल मजदूरी, महिला उत्पीड.न, हिरासत व जेलों में उत्पीड.न, पुलिस उत्पीड.न, दलित उत्पीड.न, मजदूरों का उत्पीड.न जारी है ! 

         अल्पसंख्यको पर हो रहे हमले, नागरिक अधिकारो के पक्षकारो का जारी दमन, निरंकुश पुलिसतंत्र, बच्चों, महिलाओं और मजदूरों के हो रहे शोषण के खिलाफ प्रांतीय कंवेंशन का आयोजन किया जा रहा है !

         जिससे हम अपने घर व समाज में जनतांत्रिक अधिकारो की संस्कृति विकसित कर सके ऎवम मानव को अर्थव्यवस्था व नीतियों के केन्द्र में ला सके !  

आप अपने कंवेंशन में सादर आमंत्रित है !

डायनेमिक एक्शन ग्रुप (डग), मानवाधिकार जननिगरानी समिति (पी0वी0सी0एच0आर0/ PVCHR), वायस आफ पीपुल ( वी00पी0), नेशनल एलाएंस आन टेस्टिमोनियल थेरेपी (NATT) ऎवम भोजन व काम का अधिकार,0प्र0, Detention Watch: गिरफ्तारी पर गश्त !

 

सम्पर्क न. (श्रुति) 9935599330, (आशीष) 9415470610

E-mail: pvchr.india@gmail.com

 

 सहयोगी संगठन :- साथी, तरूण चेतना, ग्राम्या, रोजी रोटी संगठन, दलित महासंघ, दिशा संस्थान, बुन्देलखण्ड सेवा परिषद, पी0यू0सी0एल0, डा0 अम्बेडकर सोशल वेलफेयर सोसायटी, जाग़ृति सेवा संस्थान, संचेतना, शिखर प्रशिक्षण संस्थान, द्वाबा विकास समिति, ह्यूमन राइट्स ला नेटवर्क, सी00आर0टी0, जन अधिकार मंच, जन शिक्षण केन्द्र, ग्राम्या स्वराज समिति, कनहर बचाओ आन्दोलन, मुसहर विकास मंच, ग्रामीण युवा एवम बाल विकास परिषद, पानी, इंसाफ-0प्र0, स्वराज उत्थान समिति, इंस्टीट्यूट आफ सोशल डेवलपमेंट ट्रस्ट, संग्राम, बहुजन कल्याण परिषद, अस्तित्व, रोजाए मानव विकास परिषद, अमन-0प्र0, सोनभद्र विकास समिति,0प्र0 ग्रामीण एवम खेतिहर मजदूर यूनियन,0प्र0 शहरी गरीब कामगार संघर्ष मोर्चा, विज्ञान फाउण्डेशन, शहरी गरीब मोर्चा, महिला फेडरेशन, देहात, एशियन ब्रिज-इण्डिया, आदिवासी महिला विकास समिति,0एम0 इंडिया, परमार्थ, पहुज विकास मंच, आपदा निवारण मंच, सावित्री बाई फुले महिला पंचायत, रोजगार हक अभियान, प्रेरणा कल मंच !  

 


                       

 

पराधीनता पाप है, जान लेहु रे मीत !

रैदास दास पराधीन सो, कौन करै है प्रीत !!

पराधीन का दीन क्या, पराधीन बेदीन !

रैदास पराधीन को, सभौही समझै हीन!!

 

 


           ऎसा चाहू राज मैं, जहा मिले सबन को अन्न !

           छोट बडो सभ सम बसे, 'रैदास' रहे प्रसन्न !!




--
Dr. Lenin
Executive Director/Secretary General -PVCHR/JMN
Mobile:+91-9935599333
 
Hatred does not cease by hatred, but only by love; this is the eternal rule.
--The Buddha
 
"We are what we think. With our thoughts we make our world." - Buddha
 
 
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